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कारगिल विजय दिवस 2025: एक चरवाहे की सूचना से शुरू हुई जंग, भारतीय सेना ने रचा शौर्य का इतिहास

कारगिल विजय दिवस 2025: एक चरवाहे की सूचना से शुरू हुई जंग, भारतीय सेना ने रचा शौर्य का इतिहास

Kargil Vijay Diwas की पृष्ठभूमि:

कारगिल युद्ध (Kargil War) 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच जम्मू-कश्मीर के कारगिल क्षेत्र में लड़ा गया था। यह युद्ध करीब 60 दिनों तक चला और 26 जुलाई 1999 को भारत ने विजय प्राप्त की, जिसे हम कारगिल विजय दिवस के रूप में हर साल मनाते हैं।

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कारगिल विजय दिवस 2025: एक चरवाहे की सूचना से शुरू हुई जंग, भारतीय सेना ने रचा शौर्य का इतिहास

🐏 एक चरवाहे की आंखों देखी से शुरू हुई जंग:

यह सब तब शुरू हुआ जब मई 1999 में एक स्थानीय चरवाहा ताशी नामग्याल, जो द्रास और बटालिक सेक्टर में अपने मवेशी चरा रहा था, उसने देखा कि कुछ संदिग्ध लोग बर्फीले इलाकों में भारतीय क्षेत्र में दाखिल हो रहे हैं।

ताशी को यह अजीब लगा क्योंकि इन इलाकों में आमतौर पर कोई नहीं आता। उसने तुरंत भारतीय सेना के पास जाकर सूचना दी

उसकी सूचना पर सेना सतर्क हो गई और जब जांच की गई, तो पता चला कि पाकिस्तानी सेना और आतंकवादियों ने भारतीय बंकरों पर कब्जा कर लिया है और ऊंची चोटियों पर जम गए हैं।

⚔️ इसके बाद शुरू हुई असंभव लगने वाली जंग:

दुश्मन बेहद ऊँचाई पर थे और भारत को नीचे से चढ़कर हमला करना था — यह युद्ध रणनीति के हिसाब से बहुत कठिन था।

लेकिन भारतीय सेना के जवानों ने अद्भुत साहस, रणनीति और बलिदान दिखाते हुए एक-एक चोटी वापस ली।

कैप्टन विक्रम बत्रा, लेफ्टिनेंट अनुज नैयर, राइफलमैन संजय कुमार, कैप्टन मनोज पांडे जैसे वीर योद्धाओं ने शौर्य का इतिहास रच दिया।

🇮🇳 दुनिया ने माना भारतीय सेना का लोहा:

भारत ने कारगिल युद्ध में दुश्मन को पीछे धकेलते हुए जीत हासिल की

यह युद्ध दुनिया के सामने भारतीय सेना के अद्वितीय साहस, समर्पण और रणकौशल का प्रमाण बन गया।

🗓️ Kargil Vijay Diwas क्यों मनाया जाता है?

26 जुलाई को भारत उन शहीदों को श्रद्धांजलि देता है, जिन्होंने देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।

यह दिन राष्ट्रभक्ति, वीरता और देश के प्रति समर्पण का प्रतीक है।


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