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MP मंत्री विजय शाह का शर्मनाक बयान: कर्नल सोफिया कुरैशी पर टिप्पणी, माफी के बाद भी उठे सवाल

MP मंत्री विजय शाह का शर्मनाक बयान: कर्नल सोफिया कुरैशी पर टिप्पणी, माफी के बाद भी उठे सवाल

विजय शाह का शर्मनाक बयान कर्नल सोफिया पर, माफी के बाद भी थमा नहीं विवाद

भोपाल, 14 मई 2025 — मध्य प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह उस समय विवादों में घिर गए जब उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की हीरो कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी। बयान में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने "आतंकियों के समुदाय से एक बहन" भेजी है जो उन्हें सबक सिखा रही हैं। यह टिप्पणी व्यापक रूप से सांप्रदायिक और असंवेदनशील मानी गई, जिससे राजनीतिक हलकों में आक्रोश फैल गया।

बयान वायरल होने के बाद भाजपा आलाकमान ने विजय शाह को तलब किया। उन्हें फौरन पार्टी ऑफिस बुलाया गया, जहाँ उन्हें कड़ी फटकार दी गई। इसके बाद शाह ने मीडिया के सामने आकर माफी मांगी। हालांकि, माफी मांगते वक्त उनके चेहरे पर मुस्कान देखी गई, जिससे लोगों ने इसे गैर-गंभीर रवैये के रूप में देखा।

शाह ने सफाई में कहा,

"मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। मैं कर्नल सोफिया को अपनी बहन से भी अधिक सम्मान देता हूँ। अगर ज़रूरत पड़ी तो मैं दस बार माफ़ी माँगने को तैयार हूँ।"

हालाँकि, विपक्ष इस माफी से संतुष्ट नहीं हुआ। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा,

"जो लोग हमारी सेना की बहादुर बेटियों का अपमान करें, उन्हें सत्ता में रहने का कोई हक़ नहीं है। यह सिर्फ एक बयान नहीं, मानसिकता को उजागर करता है।"

सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे को लेकर भारी नाराजगी देखी जा रही है। यूज़र्स ने पूछा है कि क्या सरकार ऐसी भाषा और सोच रखने वालों को बर्खास्त करेगी या सिर्फ दिखावटी माफी से काम चलाया जाएगा।

क्या है ऑपरेशन सिंदूर?

यह एक खुफिया सैन्य अभियान है, जिसमें कर्नल सोफिया कुरैशी ने अहम भूमिका निभाई थी। पाकिस्तान और PoK में आतंकियों के ठिकानों को ध्वस्त करने वाले इस ऑपरेशन में उनकी भूमिका को राष्ट्र स्तर पर सराहा गया।

📰 निष्कर्ष:
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा किया है कि क्या सत्ता में बैठे लोगों को सार्वजनिक बयान देने से पहले अधिक ज़िम्मेदारी नहीं लेनी चाहिए? जब सेना के अधिकारी भी सियासी निशाने पर आ जाएँ, तो सोचने की ज़रूरत है कि मर्यादा की रेखा कहाँ खिंचनी चाहिए।


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