कर्नाटक में RSS शाखाओं पर बैन की तैयारी, कांग्रेस सरकार ने लाठी प्रदर्शन को बताया बच्चों पर बुरा असर
- bypari rathore
- 13 October, 2025

📰 कर्नाटक में RSS शाखाओं पर बैन की तैयारी, ‘लाठी प्रदर्शन’ को बताया बच्चों पर बुरा असर
बेंगलुरु | 13 अक्टूबर 2025
कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की शाखाओं और सार्वजनिक कार्यक्रमों पर रोक लगाने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। राज्य के आईटी एवं बीटी मंत्री प्रियंक खारगे ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पत्र लिखकर मांग की है कि सरकारी परिसरों, स्कूलों, सार्वजनिक पार्कों, मंदिरों और पुरातात्विक स्थलों पर RSS की शाखाएँ या अन्य गतिविधियाँ तुरंत प्रतिबंधित की जाएं।
मंत्री खारगे ने अपने पत्र में आरोप लगाया कि RSS की शाखाओं में स्वयंसेवक लाठी के साथ आक्रामक प्रदर्शन करते हैं, जिससे आसपास खेलने वाले बच्चों और युवाओं पर नकारात्मक असर पड़ता है। उन्होंने यह भी कहा कि कई जगहों पर संगठन बिना पुलिस अनुमति के कार्यक्रम आयोजित करता है, जो कानून का उल्लंघन है।
🔹 मुख्यमंत्री ने दिए “उचित कार्रवाई” के निर्देश
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) ने इस पत्र को गंभीरता से लेते हुए संबंधित विभागों को रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, अभी तक राज्य सरकार की ओर से कोई आधिकारिक आदेश (Government Order) जारी नहीं किया गया है।
अर्थात, फिलहाल यह “बैन का प्रस्ताव” है — पूर्ण प्रतिबंध अभी लागू नहीं हुआ है।
🔹 बीजेपी का पलटवार
इस बीच, बीजेपी ने कांग्रेस सरकार के इस कदम को “राजनीतिक बदले की कार्रवाई” बताया है। भाजपा नेताओं का कहना है कि कांग्रेस सरकार, शासन की विफलताओं से जनता का ध्यान भटकाने के लिए RSS को निशाना बना रही है।
भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने कहा, “RSS देशभक्ति और अनुशासन का प्रतीक है, कांग्रेस को उससे डर क्यों?”
🔹 इतिहास में तीन बार लगा चुका है बैन
यह पहली बार नहीं है जब RSS पर प्रतिबंध की बात उठी हो।
1948 में महात्मा गांधी की हत्या के बाद, संघ पर प्रतिबंध लगाया गया था।
1975 के आपातकाल में भी RSS को प्रतिबंध का सामना करना पड़ा।
कुछ राज्यों में कांग्रेस सरकारों ने स्थानीय स्तर पर शाखाओं पर रोक के आदेश जारी किए थे।

🔹 बच्चों और शिक्षा पर बहस
शिक्षाविदों और समाजशास्त्रियों ने इस विवाद पर अलग-अलग राय दी है।
कुछ का कहना है कि सरकारी स्कूलों और सार्वजनिक स्थानों पर किसी भी राजनीतिक या वैचारिक संगठन को गतिविधि की अनुमति नहीं होनी चाहिए। वहीं संघ समर्थक मानते हैं कि शाखाएँ चरित्र निर्माण और अनुशासन सिखाने का माध्यम हैं।
🔹 आगे क्या?
कर्नाटक सरकार इस मुद्दे पर एक विभागीय समीक्षा कर रही है। संभव है कि आने वाले दिनों में राज्य सरकार “सरकारी संपत्तियों पर वैचारिक संगठन के उपयोग” को लेकर स्पष्ट नीति जारी करे।
RSS ने इस पर अभी कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
📍सारांश:
कांग्रेस शासित कर्नाटक में RSS की शाखाओं और कार्यक्रमों पर रोक लगाने का प्रस्ताव चर्चा में है। मंत्री प्रियंक खारगे ने कहा कि “लाठी के आक्रामक प्रदर्शन से बच्चों पर बुरा असर पड़ता है।”
अभी तक सरकार ने कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं किया है, लेकिन बहस ज़ोरों पर है।
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