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मैं कोई बांग्लादेशी घुसपैठिया नहीं: ट्रिपल अटैक पर बोले हनुमान बेनीवाल, सरकार से बढ़ा तनाव

मैं कोई बांग्लादेशी घुसपैठिया नहीं: ट्रिपल अटैक पर बोले हनुमान बेनीवाल, सरकार से बढ़ा तनाव

मैं कोई बांग्लादेशी घुसपैठिया नहीं: ट्रिपल अटैक पर बोले हनुमान बेनीवाल, सरकार से टकराव तेज

जयपुर।
राजस्थान की राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है। नागौर से सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के मुखिया हनुमान बेनीवाल इन दिनों सरकार के निशाने पर नजर आ रहे हैं। हाल ही में उनके खिलाफ एक के बाद एक तीन बड़े फैसले लिए गए, जिन्हें राजनीतिक हलकों में ‘ट्रिपल अटैक’ कहा जा रहा है।

पहला हमला नागौर स्थित उनके निजी आवास की बिजली कटौती के रूप में हुआ। इसके बाद जयपुर के सरकारी आवास से बेदखली का नोटिस थमा दिया गया। तीसरा और सबसे बड़ा झटका तब लगा जब उनके खिलाफ राजनीतिक और प्रशासनिक सख्ती दिखाई देने लगी।

हनुमान बेनीवाल ने सरकार के इन कदमों को सीधे तौर पर राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित बताया है। उन्होंने तीखा पलटवार करते हुए कहा:

"मैं कोई बांग्लादेशी घुसपैठिया नहीं हूं कि मेरे साथ इस तरह का व्यवहार किया जाए। मैं एक जनप्रतिनिधि हूं और जनता की सेवा करता हूं। अगर सरकार को मुझसे राजनीतिक मतभेद हैं, तो उसका जवाब सड़कों और संसद में दूंगा।"

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि हनुमान बेनीवाल का यह सख्त रुख आगामी दिनों में राजस्थान की राजनीति को और ज्यादा उथल-पुथल भरा बना सकता है। कभी बीजेपी के सहयोगी रहे बेनीवाल ने अब खुद को विपक्ष की भूमिका में पूरी तरह से ढाल लिया है।

भजनलाल शर्मा सरकार की ओर से अभी तक इस मसले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि यह कार्रवाई "नियमों के तहत" की गई है और इसका कोई राजनीतिक मकसद नहीं है।

मैं कोई बांग्लादेशी घुसपैठिया नहीं...आखिर 'दुश्मन' कैसे बन गए हनुमान बेनीवाल
"मैं कोई बांग्लादेशी घुसपैठिया नहीं हूं कि मेरे साथ इस तरह का व्यवहार किया जाए। मैं एक जनप्रतिनिधि हूं और जनता की सेवा करता हूं। अगर सरकार को मुझसे राजनीतिक मतभेद हैं, तो उसका जवाब सड़कों और संसद में दूंगा।"

पृष्ठभूमि

हनुमान बेनीवाल कभी बीजेपी से निकटता रखते थे लेकिन विचारों में टकराव के चलते उन्होंने अलग राह चुनी और RLP बनाई। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने नागौर से जीत दर्ज की और तब से लगातार सत्ता पक्ष को कठघरे में खड़ा करते रहे हैं।

आगे क्या?

राजनीति के जानकार मानते हैं कि यह टकराव आने वाले विधानसभा चुनावों और केंद्र की रणनीति पर भी असर डाल सकता है। बेनीवाल ने साफ संकेत दे दिए हैं कि वे झुकने वाले नहीं हैं और जनआंदोलनों के जरिए जवाब देंगे।


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