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सोने से तेज चांदी की रफ्तार, रिकॉर्ड हाई पर पहुंची कीमतें, ₹1.15 लाख के पार

सोने से तेज चांदी की रफ्तार, रिकॉर्ड हाई पर पहुंची कीमतें, ₹1.15 लाख के पार

📰 सोने से भी तेज रफ्तार, चांदी ने तोड़े सारे रिकॉर्ड: ₹1.15 लाख के पार सिल्वर, आखिर क्या है इस तेजी की असली वजह?

नई दिल्ली:
चांदी की चमक इस समय हर निवेशक की आंखें चौंधिया रही है। जहां अब तक सोने को सुरक्षित निवेश का सबसे बड़ा माध्यम माना जाता था, अब वही भूमिका चांदी निभा रही है। हाल ही में चांदी की कीमतों में बेतहाशा तेजी आई है और यह ₹1.15 लाख प्रति किलो का स्तर पार कर गई है। यह अब तक की सिल्वर की सबसे ऊंची कीमत (All Time High) है।

🔺 क्यों बढ़ रही है चांदी की कीमत?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकी:
वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता का माहौल तब और बढ़ गया जब ट्रंप प्रशासन ने चीन और अन्य देशों के खिलाफ टैरिफ (आयात शुल्क) की धमकी दी। इससे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में डर का माहौल बन गया और निवेशकों ने एक बार फिर "सेफ हैवेन" (Safe Haven) यानी सुरक्षित निवेश की ओर रुख किया। इसमें चांदी और सोना दोनों आते हैं, लेकिन इस बार चांदी की मांग तेज़ी से बढ़ी है।

डॉलर में कमजोरी:
अमेरिकी डॉलर में गिरावट ने चांदी जैसे कीमती धातुओं को और ज्यादा आकर्षक बना दिया है। डॉलर कमजोर होता है तो कीमती धातुएं मजबूत होती हैं, क्योंकि ये डॉलर में ही ट्रेड होती हैं।

सोने से भी तेज रफ्तार, चांदी ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, ₹1.15 लाख के पार  सिल्वर, इतनी तेजी के पीछे क्या है वजह

उद्योगिक मांग में उछाल:
चांदी सिर्फ आभूषणों या निवेश तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण इंडस्ट्रियल मेटल भी है। खासकर इलेक्ट्रिक वाहनों, सोलर पैनल, सेमीकंडक्टर और फोटोग्राफिक उपकरणों में चांदी का उपयोग बढ़ता जा रहा है।

इलेक्ट्रिक कारों में चांदी की खपत अधिक होती है।

ग्रीन एनर्जी की ओर झुकाव ने सोलर इंडस्ट्री में चांदी की डिमांड को और बढ़ाया है।

मुद्रास्फीति और वैश्विक मंदी की आशंका:
दुनियाभर में महंगाई दर बढ़ रही है और मंदी की आहट मिल रही है। ऐसे में निवेशक शेयर बाजार या रियल एस्टेट से पैसा निकालकर सुरक्षित विकल्पों की तलाश कर रहे हैं। चांदी उनमें सबसे किफायती और संभावनाशील विकल्प है।

रुपये में कमजोरी:
भारतीय रुपये की कमजोरी से चांदी के आयात की लागत बढ़ी है, जिससे घरेलू बाजार में कीमतें और ऊंची हो गई हैं।

📈 विशेषज्ञों की राय:

कमोडिटी विश्लेषक अभिषेक जैन कहते हैं,

“चांदी में जो मौजूदा तेजी है वह सिर्फ सट्टेबाजी नहीं, बल्कि ठोस मांग और वैश्विक घटनाओं से जुड़ी हुई है। निवेशक इसे लंबी अवधि के लिए एक आकर्षक विकल्प मान रहे हैं।”

एमसीएक्स (MCX) पर चांदी के वायदा कारोबार में भी भारी उछाल देखा गया है। ट्रेडिंग वॉल्यूम में पिछले हफ्ते की तुलना में 25% से अधिक की बढ़ोतरी हुई है।

🪙 सोने की तुलना में चांदी क्यों तेजी में?

चांदी सस्ती होने के कारण मिडिल क्लास निवेशकों के लिए ज्यादा सुलभ है।

सोने के मुकाबले इसमें तेजी की गुंजाइश ज्यादा होती है, खासकर जब इंडस्ट्रियल डिमांड मजबूत हो।

गोल्ड और सिल्वर रेशियो (Gold-Silver Ratio) भी चांदी के पक्ष में झुक रहा है, जिससे निवेशक गोल्ड की बजाय सिल्वर खरीदना पसंद कर रहे हैं।

🔮 आगे क्या?

क्या चांदी ₹1.25 लाख तक जा सकती है?
विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर वैश्विक अनिश्चितता और डॉलर में कमजोरी का ट्रेंड जारी रहा तो चांदी ₹1.20 से ₹1.25 लाख प्रति किलो तक पहुंच सकती है। हालांकि बीच में थोड़ी बहुत मुनाफावसूली (profit booking) भी देखने को मिल सकती है।

📌 निष्कर्ष:

चांदी ने इस बार सोने को पीछे छोड़ते हुए नया रिकॉर्ड कायम किया है। वैश्विक हालात, डॉलर की स्थिति और औद्योगिक मांग ने इसे नई ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया है। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे जल्दबाजी में निवेश करने की बजाय बाज़ार की चाल को समझें और विशेषज्ञ की सलाह के बाद ही फैसला लें।


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