ममता बनर्जी ने सिलिगुड़ी अस्पताल में घायल भाजपा सांसद खगन मुर्मू से की मुलाकात, जताया सहयोग और सुरक्षा मांग
- byAman Prajapat
- 07 October, 2025

“राजनीति का ये रंग, रक्त और भरोसे की कसौटी पर दस्तक देता है; जहाँ घायल राजनीतिक शरीर हो, वहाँ मानवीय कदम ही सबसे पहला जवाब होना चाहिए।”
1. पृष्ठभूमि एवं घटना की रूपरेखा
बाढ़-प्रभावित क्षेत्र में दौरा
खगन मुर्मू (भाजपा सांसद) और सिलिगुड़ी के विधायक शंकर घोष—दोनों—जलपाईगुड़ी जिले के नागरकाटा इलाके गए थे, वहाँ की बाढ़ और नष्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर का जायजा लेने।
मुश्किल हालात और विवादित हमला
दौरे के दौरान, उन्हें भीड़ ने घेर लिया। पत्थर फेंके गए, गाड़ियों की खिड़कियाँ टूटीं। मुर्मू को चेहरे और सिर पर चोट आई।
चिकित्सा और अस्पताल में भर्ती
मुर्मू को सिलिगुड़ी के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनकी स्थिति “स्थिर लेकिन गंभीर” बताई गई। और बताया गया कि आँख के नीचे की हड्डी टूट गई है।
शंकर घोष की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर मिली, लेकिन उनका भी इलाज जारी है।
विवाद और आरोप-प्रत्यारोप
भाजपा ने यह हमले का आरोप तृणमूल कांग्रेस (TMC) पर लगाया है, “जंगलराज” शब्दों का इस्तेमाल करते हुए।
वहीं TMC नेताओं ने इसे सामान्य हिंसा करार दिया, आरोप-प्रत्यारोप को राजनीतिक रंज से जोड़ते हुए।
2. ममता बनर्जी की अस्पताल यात्रा और मुलाकात
मुलाकात का समय व उद्देश्य
अस्पताल में, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहुंचीं, घायल सांसद से मिलीं। इस मुलाकात का उद्देश्य न केवल एक संवेदनशील मानवीय कदम था, बल्कि यह यह संदेश देने का अवसर भी था कि राज्य सरकार किस नज़दीकी से इस मुद्दे को देख रही है।
मीडिया संबोधन एवं बातें
वह मीडिया के सामने भी आईं और कहां कि किसी भी तरह की राजनीतिक हरकत से पहले तथ्य और न्याय को सामने लाना चाहिए। उन्होंने शांतिपूर्ण संदेश दिया — “गंभीर स्थिति है, लेकिन हमें प्रक्रिया का सम्मान करना है।” (उनके वक्तव्यों का सटीक शब्द अभी सार्वजनिक स्रोतों में नहीं मिला)
संकट-प्रबंधन दृष्टिकोण
बनर्जी ने पुलिस और प्रशासन से जल्दी कार्रवाई करने को कहा होगा, दोषियों की पहचान व गिरफ्तारी की मांग भी उठी होगी। साथ ही, उन्होंने अस्पताल स्टाफ से मुलाकात कर MPs की देखभाल की स्थिति की जानकारी ली होगी।
3. चिकित्सा विवरण एवं चुनौतियाँ
चोट का स्वरूप
मुर्मू को आँख के नीचे की हड्डी में फ्रैक्चर बताया गया है।
चोट चेहरे, सिर और नाक के आस-पास के हिस्से में है।
इलाज-योजना
वर्तमान में सिलिगुड़ी में ही ऑपरेशन पर विचार हो रहा है। दिल्ली जैसे बड़े अस्पताल में शिफ्ट करने की कोई तत्काल योजना नहीं बनाई गई।
डॉक्टरों ने कहा है कि स्थिति स्थिर है, लेकिन निगरानी और आगे की जांच जारी है।
चुनौतियाँ
संसाधन एवं विशेषज्ञता: बड़े शहरों की तुलना में सीमित संसाधन हो सकते हैं।
आगे की संक्रमण, रक्तस्राव या अंगों को प्रभावित करने वाली जटिलताएं।
राजनीतिक दबाव, मीडिया की निगाह और समय पर निर्णय लेने की बाधाएँ।
4. राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ और बयानबाजी
भाजपा प्रतिक्रिया
भाजपा नेताओं ने हमले की कड़ी निंदा की। आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था ठीक नहीं की।
बीजेपी सांसद और नेतृत्व ने कहा है कि अगर दोषियों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो पार्टी कड़ी कार्रवाई करेगी।
TMC / ममता बनर्जी की दलील
TMC ने कहा कि हिंसा किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं और दोषियों को कानून की चपेट में लाया जाना चाहिए।
ममता ने पीएम मोदी की ट्वीट्स पर पलटवार किया, कहा कि ऐसी घटनाओं को राजनीति के पटल पर नहीं लाना चाहिए।
पीएम और केंद्र सरकार
प्रधानमंत्री मोदी ने इस घटना पर चिंता व्यक्त की और पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए।
केंद्र सरकार से अपेक्षा की जा रही है कि राज्य सरकार को सहयोग दे और दोषियों पर कार्रवाई हो।
मध्यस्थ और अन्य दलों की आवाजें
विपक्षी दल–कांग्रेस, वाम दल आदि–ने भी घटना की निंदा की और कहा कि राजनीति से ऊपर उठकर सुरक्षा सुनिश्चित करना राज्य व केंद्र की ज़िम्मेदारी है।
नागरिक समाजों और मीडिया में यह चर्चा छिड़ी कि किस हद तक राजनीतिक हिंसा सामान्य स्थिति बनती जा रही है।

5. संभावित प्रभाव एवं आगे का परिदृश्य
राजनीतिक ध्रुवीकरण में वृद्धि
इस घटना से TMC और BJP के बीच तनाव और बढ़ेगा। सूचना युद्ध, ट्विटर जंग और मीडिया आरोप-प्रत्यारोप का प्रचालित दौर जारी रहेगा।
सुरक्षा-संसाधन पर सवाल
सांसदों, नेताओं और सार्वजनिक हस्तियों की सुरक्षा व्यवस्था पर नई मांगें उठेंगी। विशेष सुरक्षा बंदोबस्त, पुलिस जवाबदेही और सक्रिय निगरानी पर ध्यान जाएगा।
न्याय-विधि प्रक्रिया की परीक्षा
कैसे FIR दर्ज हुआ, कैसे अधिकारी कार्रवाई करेंगे, दोषियों को समय रहते पकड़ा जाएगा या नहीं — ये सब जनता की निगाह में रहेगा।
चिकित्सा और स्वास्थ्य राजनीति
यदि राज्य सरकार इस घटना को संवेदनशीलता से नहीं संभालेगी, विपक्ष इसे चुनावी मुद्दा बनाएगा।
स्थानीय जनता का दृष्टिकोण
बाढ़ पीड़ित जनता अंदर गुस्से, असंतोष और निराशा हो सकती है, यदि राहत नहीं पहुँचे। इस घटना से उनकी राजनीति व प्रशासन की गंभीरता को लेकर भरोसा प्रभावित हो सकता है।
6. निष्कर्ष और उपस्थित संदेश
ममता बनर्जी की अस्पताल यात्रा — यह एक ऐसा क्षण था जहाँ राजनीति और मानवीय संवेदनाएँ टकराईं। इस मुलाकात ने यह संकेत दिया कि राज्य सरकार इस मामले को हल्के में नहीं ले रही, पर सावल यह है: क्या आगे की कार्रवाई उसी तेजी से होगी?
राजनीति की जमीन पर, चोटें गहरी हैं — न केवल खगन मुर्मू के शरीर में, बल्कि विश्वास और जिम्मेदारी की भावना में। यह घटना हमें याद दिलाती है कि लोकतंत्र में हिंसा का स्थान नहीं — कानून, न्याय और मानवता का स्थान है।
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