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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 3 देशों की विदेश यात्रा: साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया की ओर कूटनीतिक कदम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 3 देशों की विदेश यात्रा: साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया की ओर कूटनीतिक कदम

📰 पीएम मोदी की 5 दिवसीय तीन देशों की विदेश यात्रा: वैश्विक संबंधों को नई दिशा देने की तैयारी

नई दिल्ली, 14 जून 2025 – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 जून से 19 जून तक एक महत्वपूर्ण विदेश दौरे पर रहेंगे, जिसमें वे साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया की यात्रा करेंगे। इस पांच दिवसीय दौरे का उद्देश्य भारत के बहुपक्षीय कूटनीतिक संबंधों को और अधिक मजबूती देना है।

🔹 साइप्रस यात्रा (15-16 जून):
पीएम मोदी की यात्रा की शुरुआत साइप्रस से होगी। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की 20 वर्षों में पहली साइप्रस यात्रा है। वे राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडुलिदिस के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और ऊर्जा, रक्षा व डिजिटल क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा वह भारतीय समुदाय को भी संबोधित करेंगे।

🔹 कनाडा यात्रा (16-17 जून):
इसके बाद प्रधानमंत्री कनाडा के अल्बर्टा राज्य में आयोजित G7 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने उन्हें विशेष रूप से आमंत्रित किया है। यह दौरा भारत-कनाडा संबंधों में सुधार की दिशा में अहम माना जा रहा है, खासकर हाल के महीनों में उत्पन्न तनाव के मद्देनज़र।

🔹 क्रोएशिया यात्रा (18 जून):
यात्रा का अंतिम चरण क्रोएशिया में होगा, जहां पीएम मोदी प्रधानमंत्री आंद्रेज़ प्लेनकोविक और राष्ट्रपति ज़ोरान मिलानोविक से मुलाकात करेंगे। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की क्रोएशिया की पहली आधिकारिक यात्रा होगी। भारत EU और बाल्कन क्षेत्र के साथ रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने के इरादे से यह दौरा कर रहा है।

🔍 विशेष महत्व

यह दौरा “इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर” (IMEC) को गति देने में सहायक हो सकता है।

 पीएम मोदी की 5 दिवसीय तीन देशों की विदेश यात्रा: वैश्विक संबंधों को नई दिशा देने की तैयारी

G7 जैसे वैश्विक मंचों पर भारत की सक्रियता और नेतृत्व को बल मिलेगा।

साइप्रस और क्रोएशिया जैसे यूरोपीय देशों के साथ संबंधों को नया आयाम मिलेगा।

🗣 विशेषज्ञों की राय:
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह यात्रा न सिर्फ रणनीतिक है, बल्कि भारत की ‘एक्ट वेस्ट पॉलिसी’ का अहम हिस्सा भी है, जो यूरोप और अमेरिका के साथ रिश्तों को और गहराई देने पर केंद्रित है।

📌 निष्कर्ष:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह बहुप्रतीक्षित विदेश यात्रा भारत की वैश्विक भूमिका को और मजबूती देने का प्रयास है। पांच दिनों में तीन महत्वपूर्ण देशों की यह यात्रा भारत की सक्रिय, आत्मविश्वासी और रणनीतिक विदेश नीति की मिसाल बनेगी।


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