पाकिस्तान स्वतंत्रता दिवस 2025: अमेरिका की बधाई, आतंकवाद-रोधी सहयोग और आर्थिक साझेदारी पर जोर, भारत चिंतित
- bySheetal
- 14 August, 2025

अमेरिका–पाकिस्तान: स्वतंत्रता दिवस और रणनीतिक सहयोग
स्वतंत्रता दिवस पर गर्मजोशी से स्वागत: पाकिस्तान के 79वें स्वतंत्रता दिवस (14 अगस्त 2025) पर अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने शुभकामनाएं देते हुए कहा – “संयुक्त राज्य अमेरिका, आतंकवाद-रोधी और व्यापार में पाकिस्तान की भागीदारी की गहराई से सराहना करता है।”
(स्रोत: द टाइम्स ऑफ इंडिया, द इकनॉमिक टाइम्स)

आर्थिक संबंधों का विस्तार: रुबियो ने भविष्य में नए क्षेत्रों—खासकर महत्वपूर्ण खनिज (Critical Minerals) और हाइड्रोकार्बन—में सहयोग पर जोर दिया। यह पहल पारंपरिक सुरक्षा सहयोग से आगे बढ़कर आपूर्ति श्रृंखला की मजबूती और ऊर्जा साझेदारी को बढ़ावा देने की दिशा में है।
(स्रोत: द इकनॉमिक टाइम्स, रॉयटर्स)
व्यापार समझौते की रफ्तार: यह घोषणा हाल ही में हुए एक व्यापार समझौते के बाद आई है, जिसका उद्देश्य शुल्क कम करना और अमेरिकी निवेश को प्रोत्साहित करना है—खासतौर पर संसाधन-समृद्ध बलूचिस्तान के खनन प्रोजेक्ट्स में, जैसे विशाल रेको डिक (Reko Diq) सोना-तांबा खदान।
(स्रोत: रॉयटर्स, द इकनॉमिक टाइम्स)
आतंकवाद-रोधी वार्ता: इस्लामाबाद में आतंकवाद-रोधी वार्ता का एक नया दौर आयोजित हुआ। अमेरिका ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) को विदेशी आतंकी संगठन घोषित किया है और अब रणनीति ISIS-खुरासान और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान जैसे समूहों पर केंद्रित है।
(स्रोत: मनीकंट्रोल, रॉयटर्स)
क्षेत्रीय पृष्ठभूमि: असीम मुनीर का परमाणु बयान और भारत की चिंता
अमेरिका में विवादित बयान: फ्लोरिडा के टैम्पा में एक निजी डिनर के दौरान पाकिस्तान सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर ने कथित तौर पर कहा – “अगर हमें लगे कि हम डूब रहे हैं, तो हम दुनिया का आधा हिस्सा साथ लेकर डूबेंगे।” इसके साथ ही उन्होंने भारतीय बांधों को मिसाइल से उड़ाने और भारत के सिंधु जल ढांचे को निशाना बनाने की धमकी भी दी।
(स्रोत: विकिपीडिया, इंडिया टुडे)
भारतीय सरकार की प्रतिक्रिया: नई दिल्ली ने इन बयानों को खतरनाक और गैर-जिम्मेदाराना बताते हुए कड़ा विरोध दर्ज कराया। अधिकारियों ने कहा कि यह “परमाणु शस्त्रों की धमकी” का स्पष्ट उदाहरण है, जो क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है।
(स्रोत: द टाइम्स ऑफ इंडिया, द इंडियन एक्सप्रेस, इंडिया टुडे)
अमेरिकी रुख: अमेरिका ने मुनीर के बयानों पर सीधी टिप्पणी नहीं की, लेकिन विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा – “दोनों देशों (भारत और पाकिस्तान) के साथ संबंधों में कोई बदलाव नहीं है।” उन्होंने यह भी दोहराया कि अमेरिका और पाकिस्तान आतंकवाद-रोधी मोर्चे पर मजबूत साझेदार हैं।
(स्रोत: NDTV)
रणनीतिक असर: भारत की बेचैनी और भू-राजनीतिक बदलाव
अमेरिका–भारत तनाव में वृद्धि: हाल के दिनों में वाशिंगटन और नई दिल्ली के रिश्तों में ठंडापन आया है। एक बड़ा कारण है अमेरिकी प्रशासन द्वारा भारतीय वस्तुओं पर नए शुल्क लगाना, जबकि पाकिस्तान को तुलनात्मक रूप से बेहतर व्यापार शर्तें मिल रही हैं। यह बदलाव राष्ट्रपति ट्रंप के कार्यकाल में व्यापक कूटनीतिक शिफ्ट का हिस्सा माना जा रहा है।
(स्रोत: फाइनेंशियल टाइम्स)
भारत की रणनीतिक दुविधा: अमेरिका–पाकिस्तान की बढ़ती नजदीकियां और मुनीर के भड़काऊ बयान ने नई दिल्ली में रणनीतिक चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि यह बदलाव भारत की लंबे समय से चली आ रही साझेदारी की स्थिति को कमजोर कर सकता है।
(स्रोत: फाइनेंशियल टाइम्स)
संतुलन साधने की कोशिश: अमेरिका वर्तमान में जटिल कूटनीति का संचालन कर रहा है—पाकिस्तान के साथ आर्थिक और सुरक्षा संबंध मजबूत करते हुए, भारत जैसे महत्वपूर्ण साझेदार के साथ भी संतुलन बनाए रखने की कोशिश कर रहा है।
सारणी: मुख्य बिंदु
क्षेत्र | विवरण |
---|---|
अमेरिका–पाकिस्तान | व्यापार और आतंकवाद-रोधी सहयोग में बढ़ोतरी; खनिज और हाइड्रोकार्बन पर नया आर्थिक फोकस; हालिया व्यापार समझौता। |
असीम मुनीर के बयान | भारत की कड़ी आलोचना; अमेरिका का तटस्थ रुख, दोनों देशों के साथ प्रतिबद्धता की पुनर्पुष्टि। |
भारत की चिंताएं | अमेरिका का पाकिस्तान की ओर झुकाव; शुल्क असमानता और कूटनीतिक बदलाव से रणनीतिक पुनर्संतुलन। |
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