इंडिगो के हजारों उड़ान रद्द — 5 दिनों में शेयर 7% टूटा; आगे क्या?
- byAman Prajapat
- 05 December, 2025
बहुत कुछ ऐसे मोड़ आए हैं, जिनका असर सिर्फ एयरपोर्ट्स तक सीमित नहीं रहा — यह झटका बाजार तक पहुँचा, और DGCA भी दखल में आ गया है।
🔹 क्या हुआ — उड़ानें रद्द, यात्री फंसे, शेयर गिरे
हाल के दिनों में IndiGo ने कई सौ — और कुछ रिपोर्टों के अनुसार 400–550 उड़ानों को एक अकेले दिन में रद्द किया।
देश के प्रमुख एयरपोर्ट्स — दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद आदि — पर यात्रियों को लंबे समय तक लटकना पड़ा, किसी को जानकारी नहीं मिली, किसी को नई उड़ान बताई गई लेकिन वो भी बाद में कैंसल हो गई।
इस बीच कंपनी का ऑन-टाइम परफॉर्मेंस (OTP) खतरनाक रूप से गिरकर लगभग 35% तक आ गया। यानी 65% उड़ानें या तो देरी से थीं या रद्द।
सब मिलकर: शेयर मार्केट में कंपनी का विश्वास हिल गया। कंपनी के शेयरों में पिछले 5 ट्रेडिंग दिनों में करीब 7%–8% की गिरावट आई।
🔹 असली वजह: क्या कह रही बातें
सबसे बड़ा सवाल — ये सब अचानक क्यों? जवाब में आया: कंपनी को नया नियम झेलना पड़ रहा है — Flight Duty Time Limitations (FDTL) यानी चालक दल (पायलट/क्रू) के ड्यूटी और रेस्ट टाइम्स पर सख्त पाबंदियाँ।
लेकिन चालक-संघ का कहना है कि समस्या सिर्फ नियमों की नहीं — कर्मियों की कमी, भर्ती की अनदेखी और व्यवस्थागत लापरवाही भी बड़ी वजह है। उन्होंने आरोप लगाया है कि कंपनी ने नई हायरिंग रोक रखी है, पायलटों को वेतन व अन्य लाभ नहीं बढ़ाए, जिससे स्टाफ संकट उत्पन्न हुआ।
इस बीच, यात्रियों की नाराज़गी और उलझन बढ़ी, एयरपोर्ट पर हड़कंप मचा — लाखों लोग प्रभावित।
🔹 बाजार की प्रतिक्रिया: भरोसा टूटा, भय बना
निवेशकों ने जल्दी ही इस अस्थिरता को अपनी प्रोफिट-एंटीसिपेशन में बदल दिया। कुछ विश्लेषकों का कहना है कि यदि फ्लाइट कैंसिलेशन और परिचालन संकट जारी रहा, तो शेयर और करीब 16% तक गिर सकते हैं।
कंपनी की मार्केट-कैप में भारी उलटफेर हुआ।
हालांकि, अभी सब इंतजार कर रहे हैं — क्या कंपनी जल्दी सुधर पाएगी, क्या DGCA के दवाब और नियमों का असर कम होगा, या यात्री फिर एयर-अलायंस बदलेंगे — इन सबका असर अब होगा कि आगे भरोसा लौटेगा या और धक्का लगेगा।

🔹 कंपनी का रुख और सरकार / नियामक की प्रतिक्रिया
IndiGo ने स्वीकार किया है कि परिचालन में "प्लानिंग ग़लती" हुई। कंपनी ने कहा है कि स्थिति सामान्य करने में वक्त लगेगा, और फिलहाल वह समय लेकर उड़ान-सुची (schedule) पुनर्संतुलित कर रही है।
DGCA ने खुद हस्तक्षेप किया — यह जांच शुरू कर दी है कि क्या नियमों का उल्लंघन हुआ है या कंपनी की लापरवाही रही।
सरकार (मंत्रालय) ने चेतावनी दी है कि यदि एयरलाइन समय पर नहीं सुधरी, तो अन्य उपाए देखे जाएंगे — साथ में यात्री सुविधा को प्राथमिकता दिए जाने का निर्देश।
🔹 आगे की राह — सम्भावनाएँ, चुनौतियाँ
अगर Всё सही किया गया:
अगर IndiGo ने जल्दी स्टाफ भर्ती, बेहतर शेड्यूलिंग और परिचालन में सुधार किया — तो कंपनी पुनः अपनी वफादार ग्राहक-आधार और बाजार भरोसे को पा सकती है।
शेयरों में डूबे निवेशकों के लिए यह "बिकने का मौका (buy on dips)" बन सकता है — बशर्ते कंपनी की सुधरी प्लानिंग साफ दिखे।
लेकिन जोखिम अभी बना है:
यदि अब भी उड़ान कैंसिलेशन जारी रहा, या नियामक अतिरिक्त सख्ती लाई, तो यात्री भरोसा टूटेगा। विशेषकर वाकई बड़े त्योहार, छुट्टियाँ या हवाई-यात्री सीजन आने पर असर दिखेगा।
शेयरों में और गिरावट, मार्केट कैप में और नुकसान, और कर्ज/लायबिलिटी की आशंका — सब मुमकिन है।
निरपेक्ष निष्कर्ष: यह वक्त है धैर्य का — जल्दी में फैसले लेना गलत हो सकता है। आप निवेशक हों, यात्री हों या कोई आम व्यक्ति — अभी समझदारी से काम लेना चाहिए: अगले आंकड़ों, नियामकीय फैसलों और कंपनी की सुधार योजना पर निगाह रखें।
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