Follow Us:

Stay updated with the latest news, stories, and insights that matter — fast, accurate, and unbiased. Powered by facts, driven by you.

दूसरी तिमाही में भारत की GDP 7.5% के पार; GST कटौती और त्योहारों की धूम ने अर्थव्यवस्था में भरी नई जान – SBI रिपोर्ट

दूसरी तिमाही में भारत की GDP 7.5% के पार; GST कटौती और त्योहारों की धूम ने अर्थव्यवस्था में भरी नई जान – SBI रिपोर्ट

यार, कभी-कभी अर्थव्यवस्था भी एक पुराना ग्रामोफोन लगती है—धीरे-धीरे घूमती हुई, मगर सही मौके पर धुन ऐसी बजा देती है कि पूरा देश झूम उठे।
इस बार भी वही हुआ।
SBI की ताज़ा रिपोर्ट ने साफ़ कहा—भारत की GDP दूसरी तिमाही में 7.5% के पार निकल गई, और ये सिर्फ नंबर नहीं, एक ऐसे मुल्क की कहानी है जो मुश्किलों से लड़कर आगे बढ़ना जानता है।

त्योहारों का मौसम आया, लोगों ने पैसा बहाया, और GST रेट्स में की गई कटौती ने उस आग में घी डाल दिया—और भाई, घी भी ऐसा कि पूरा कॉमर्स तवा छोड़कर छन्न से ऊपर कूद गया।

GST कटौती का असर – “पुरानी रीत, नई रफ्तार”

चल, अब जरा मूल जांचते हैं—GST कटौती।
वैसे माना जाए तो टैक्स कटौती का असर हमेशा एक ही लय में चलता है—
कम टैक्स → कम दाम → ज्यादा खरीद → ज्यादा मांग → ज्यादा उत्पादन → और GDP का चक्र घूमने लगे।

अब इंडिया में त्योहारों की बात हो और खरीदारी न हो, ये तो ऐसे ही है जैसे दिवाली बिना दीया।
GST में राहत मिलते ही जनता बोली—
“अब तो भाई लेना ही लेना है!”

इलेक्ट्रॉनिक्स

कपड़े

ऑटो

होम अप्लायंसेज़

फर्नीचर

मोबाइल्स

…सबकी बिक्री पटाखे की तरह फटी।

त्योहारों की बिक्री – “बाजारों की साँसें तेज़ हो गईं”

त्योहारों का मौसम भारत में सिर्फ भावनाओं का मौसम नहीं—ये वो वक्त है जब गाँव से लेकर मेट्रो तक पूंजी का प्रवाह नदी की तरह दौड़ता है।

इस साल त्योहारों की बिक्री में ऐसी गर्मी आई कि ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ने रिकॉर्ड तोड़ दिए।
ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बोले—“इतना ट्रैफिक तो IPL फाइनल में भी नहीं देखा!”
शोरूम वाले बोले—“स्टाफ डबल कर दो, लोग दुकान नहीं छोड़ रहे!”

SBI रिपोर्ट के मुताबिक, सिर्फ festive demand ने GDP में लगभग 1.2–1.5% का अतिरिक्त बूस्ट दिया।
यानी त्योहारों ने सिर्फ घर नहीं सजाए—अर्थव्यवस्था भी चमका दी।

उपभोक्ता भावना – “Confidence नाम की चीज़ वापस लौटी”

जब लोग खर्च करने लगते हैं, तभी अर्थव्यवस्था का असली गेम खुलता है।
और इस बार लोगों की जेब में भी पैसा था, और मन में भी हिम्मत।

नौकरियों में स्थिरता

सेविंग्स में सुधार

बैंक क्रेडिट में तेज़ी

MSME सेक्टर की री-रिकवरी

इन सबने जनता को वो भरोसा दिया जिसकी कमी कोविड के बाद दिख रही थी।

और भाई, ये भरोसा ही GDP की असली चाबी है।

उद्योगों पर असर – “हर चक्का घूमने लगा”

त्योहारों की मांग सिर्फ दुकानों तक नहीं रुकी—उसका असर फैक्ट्रियों, वेयरहाउस, ट्रांसपोर्ट, डिजिटल पेमेंट और हर सप्लाई चेन पर दिखा।

1. Manufacturing

त्योहारों और GST कटौती ने ऑर्डर्स की झड़ी लगा दी।
PMI (Purchasing Managers' Index) भी 57+ पर बना रहा—जो जबरदस्त ग्रोथ का इशारा है।

2. Services

रेस्टोरेंट, ट्रैवल, होटल, ई-कॉमर्स, लॉजिस्टिक्स…
सबने मिलकर ऐसा कमाया कि रिकॉर्ड टूट गए।

3. Agriculture

मॉनसून थोड़ा शरारती रहा, लेकिन सरकार की स्कीम्स और ग्रामीण खरीद ने समीकरण संतुलित रखे।

4. Construction & Infra

ये सेक्टर तो जैसे भगवा झंडा लेकर आगे दौड़ रहा हो—
नए प्रोजेक्ट्स, तेज़ मंजूरी, और मजबूत फंडिंग ने इस सेक्टर को GDP में बड़ा योगदानकर्ता बना दिया।

India GDP outlook: SBI forecasts Q2 growth to hit 7.5% — here are the  factors driving momentum - The Times of India
India’s Q2 GDP Likely to Exceed 7.5% Boosted by GST-Cut Driven Festive Sales: SBI Report

वैश्विक स्थिति – “दुनिया हल्की लगी, भारत भारी”

भाई, दुनिया में inflation, युद्ध, सप्लाई चेन झटके—सब चल रहा है।
US, चीन, यूरोप—सब धीमे पड़े हुए हैं।
और ऐसे में भारत का 7.5%+ ग्रोथ देना—
मतलब हम सिर्फ खेल नहीं रहे, पूरे मैच के MVP बनकर निकल रहे हैं।

SBI की रिपोर्ट साफ बोलती है—
“Global slowdown के बावजूद India की domestic demand इतनी मजबूत है कि हम sustainable growth mode में हैं।”

निवेश माहौल – “पुरानी रीत: मेहनत + नई सोच = प्रगति”

भारत में FDI का फ्लो काफी स्थिर है।
GST कटौती से ease of doing business को भी बढ़ावा मिला।
नए स्टार्टअप, MSME क्लस्टर, डिजिटल बैंकिंग, UPI पेमेंट—सब रिलीज़ कर रहे हैं growth की extra oxygen।

सरकार की नीतियाँ – “Reform की लहर अभी थमी नहीं”

SBI रिपोर्ट में इसका भी ज़ोर से जिक्र है—

GST rationalization

Make in India

PM Gati Shakti

Production Linked Incentives

Digital infra expansion

…इन सबने ग्रोथ को सीधा ऊपर की ओर धकेला।

आने वाला समय – “उम्मीदों की रोशनी अभी बाकी है”

देख भाई—GDP का 7.5% पार जाना अपने आप में बड़ी बात है,
पर ये तो बस शुरुआत लग रही है।

रिपोर्ट कहती है कि Q3 और Q4 भी मजबूत रहेंगे क्योंकि:

वेडिंग सीजन अभी बाकी है

ग्रामीण अर्थव्यवस्था रिकवर कर रही है

बैंक क्रेडिट बढ़ रहा है

मैन्युफैक्चरिंग में momentum जारी है

अगर सब सही रहा, तो FY साल के अंत में GDP आराम से 7%+ पर रह सकती है।

निष्कर्ष – “भारत की कहानी अभी खत्म नहीं, बस रफ्तार पकड़ रही है”

त्योहारों की रौनक, GST कटौती की राहत, लोगों का आत्मविश्वास और उद्योगों की मेहनत—ये सब मिलकर भारत की आर्थिक गाथा को फिर से चमकाने में लगे हैं।

GDP का 7.5% पार जाना एक नंबर नहीं—
ये उस देश का बयान है जो परंपराओं को भी मानता है और नई रफ्तार को भी गले लगाता है।
और भाई, सच्ची बात?
India अभी सिर्फ वार्म-अप कर रहा है।


Note: Content and images are for informational use only. For any concerns, contact us at info@rajasthaninews.com.

Share: