भारत ने सिंधु जल संधि निलंबित की, पाकिस्तान ने दी 'पूरी ताकत से जवाब' की चेतावनी
- bypari rathore
- 30 July, 2025

भारत ने सिंधु जल संधि की निलंबित, पाकिस्तान ने दी "पूरी ताकत से जवाब" की चेतावनी
नई दिल्ली/इस्लामाबाद, 26 अप्रैल 2025:
भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों पुरानी सिंधु जल संधि अब संकट के दौर में पहुंच गई है। भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकवादी हमले के जवाब में, 1960 में हुई इस ऐतिहासिक संधि को आंशिक रूप से निलंबित करने का फैसला किया है। इसके बाद पाकिस्तान ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए चेतावनी दी है कि अगर भारत ने इस संधि का उल्लंघन किया, तो वह "पूरी ताकत से जवाब देगा।"
क्या है सिंधु जल संधि?
1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता से भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर हुए थे। इसके तहत छह प्रमुख नदियों — सिंधु, झेलम, चेनाब, सतलुज, ब्यास और रावी — को दोनों देशों के बीच बांटा गया था। पश्चिम की नदियाँ (सिंधु, झेलम, चेनाब) पाकिस्तान को, और पूर्व की नदियाँ (सतलुज, ब्यास, रावी) भारत को सौंपी गई थीं।
भारत का कड़ा रुख क्यों?
21 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 भारतीय नागरिकों की मौत हुई थी। भारत ने इस हमले के लिए सीधे तौर पर पाकिस्तान-समर्थित आतंकी संगठनों को जिम्मेदार ठहराया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ गंभीर चुनौती बताते हुए कहा, “अब केवल निंदा से काम नहीं चलेगा, कार्रवाई ज़रूरी है।” इसके बाद भारत ने:
सिंधु जल संधि को आंशिक रूप से निलंबित किया
पाकिस्तान को जाने वाले पानी पर रोक लगाने की प्रक्रिया शुरू की
पाकिस्तान के नागरिकों के लिए वीजा तत्काल प्रभाव से बंद कर दिए
पाकिस्तानी राजनयिकों को निष्कासित कर दिया
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान सरकार ने इस कदम को अंतरराष्ट्रीय संधियों का उल्लंघन बताया है। रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा,
“अगर भारत ने हमारे हिस्से के पानी को रोका, तो यह हमारे अस्तित्व पर हमला होगा। पाकिस्तान अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरी ताकत से जवाब देगा।”
पाकिस्तान ने:
भारतीय विमानों के लिए अपना वायुक्षेत्र बंद किया
भारतीय नागरिकों के वीजा निलंबित किए
संयुक्त राष्ट्र और इस्लामी सहयोग संगठन (OIC) से भारत के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई
LOC पर तनाव
इन घटनाओं के बाद नियंत्रण रेखा (LoC) पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच गोलीबारी की घटनाओं में तेज़ी आई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, सीमावर्ती इलाकों में नागरिकों को बंकरों में जाने की सलाह दी गई है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है।
अमेरिका और यूरोपीय संघ ने भारत-पाक के बीच बातचीत से समाधान निकालने की सलाह दी है।
चीन ने स्थिति पर 'गंभीर चिंता' जताई है और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने का आग्रह किया है।
क्या हो सकते हैं इसके परिणाम?
अगर यह संधि पूरी तरह टूटती है, तो पाकिस्तान के लिए यह जल संकट का कारण बन सकता है, क्योंकि उसकी कृषि और पीने के पानी की ज़रूरतें काफी हद तक सिंधु और झेलम पर निर्भर हैं।
वहीं भारत के लिए भी यह कदम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवाद और कूटनीतिक चुनौतियाँ खड़ी कर सकता है।
विश्लेषण:
सिंधु जल संधि लंबे समय तक दोनों देशों के बीच एक ‘जल कूटनीति’ की मिसाल रही है। इसका निलंबन दक्षिण एशिया की शांति और स्थिरता के लिए एक बड़ा संकेतक हो सकता है। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर वैश्विक मध्यस्थता और क्षेत्रीय राजनीति में उथल-पुथल की संभावना बढ़ गई है।

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