Follow Us:

Stay updated with the latest news, stories, and insights that matter — fast, accurate, and unbiased. Powered by facts, driven by you.

बिहार चुनाव से पहले जातीय जनगणना का फैसला – इतिहास में पहली बार सरकार पूछेगी जाति

बिहार चुनाव से पहले जातीय जनगणना का फैसला – इतिहास में पहली बार सरकार पूछेगी जाति

📰 इतिहास में पहली बार – सरकार घर-घर जाकर पूछेगी जाति!

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र या राज्य सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है – अब घर-घर जाकर जातीय जनगणना (Caste Census) की जाएगी। यह स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार होगा जब सरकार खुद जाकर लोगों से उनकी जाति पूछेगी।

🔹 क्या है जातीय जनगणना?

जातीय जनगणना एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें हर परिवार से उनकी जाति की जानकारी ली जाती है। इससे पता चलता है कि कौन सी जातियाँ कितनी आबादी में हैं, और उन्हें किन-किन सरकारी सुविधाओं की ज़रूरत हो सकती है।

🔹 क्यों हो रहा है ये फैसला?

विपक्ष (जैसे कि RJD, कांग्रेस आदि) लंबे समय से जातीय जनगणना की माँग कर रहा था।

बिहार जैसे राज्यों में जाति आधारित राजनीति बहुत प्रभावशाली है।

चुनाव से पहले यह फैसला राजनीतिक रूप से फायदेमंद हो सकता है क्योंकि इससे पिछड़े वर्गों को लगता है कि सरकार उनकी बात सुन रही है।

🔹 क्या कह रहा है विपक्ष?

विपक्ष का कहना है कि ये तो उनकी पुरानी माँग थी, लेकिन सरकार ने इसे राजनीतिक फायदा उठाने के लिए अब स्वीकार किया है।
वो ये भी पूछ रहे हैं कि अगर जातीय गणना हो रही है, तो क्या सरकार इसे आधार बनाकर आरक्षण नीतियों में भी बदलाव करेगी?

📌 निष्कर्ष:

जातीय जनगणना का यह फैसला सामाजिक और राजनीतिक दोनों दृष्टिकोण से बहुत अहम है। यह चुनावी रणनीति भी हो सकती है, और सामाजिक न्याय की दिशा में एक क़दम भी।


Note: Content and images are for informational use only. For any concerns, contact us at info@rajasthaninews.com.

Share: