स्पाइन सर्जन ने बताए 5 ख़तरे के संकेत: जब रीढ़ चिल्लाकर कहती है—अब डॉक्टर के पास दौड़ो!
- byAman Prajapat
- 06 December, 2025
1. प्रस्तावना — जब रीढ़ पुकारती है, तो आवाज़ धीमी नहीं होती
ज़िंदगी का बोझ हम सब ढोते हैं भाई—
कभी किताबों का, कभी ऑफिस का, कभी घर का, और कभी उन सपनों का जो सीने में उबलते रहते हैं।
पर इस सफ़र में चुपचाप मेहनत करती है हमारी स्पाइन…
यानी वो तगड़ी, पर नाज़ुक हड्डियों की चेन जो हमारे पूरे सिस्टम का पिलर है।
स्पाइन सर्जन मानते हैं कि ज़्यादातर लोग अपनी रीढ़ की हड्डी की हेल्थ को तब तक हल्के में लेते रहते हैं, जब तक दर्द चीख में न बदल जाए।
और यही कहानी हर घर में दोहराई जाती है।
पर डॉक्टर कहते हैं — “स्पाइन जब मदद माँगती है, तो संकेत बहुत साफ देती है।”
इस रिपोर्ट में उन्हीं 5 संकेतों की बात है, जो मामूली नहीं, लाल झंडे हैं।
ऐसे संकेत जो कहते हैं — "भाई, अब टाइम बरबाद मत कर… डॉक्टर के पास भाग!"
2. पहला खतरनाक संकेत — ब्लैडर या बाउल कंट्रोल का खोना
ये वो चीज़ है जिस पर लोग बात करने में शरमाते हैं,
पर डॉक्टरों के हिसाब से ये सबसे बड़ा अलार्म है।
जब spinal nerves पर बहुत ज़्यादा दबाव पड़ता है,
तो शरीर टॉयलेट कंट्रोल खो सकता है।
इसे medically कहा जाता है Cauda Equina Syndrome।
ये एक ऐसी इमरजेंसी है, जिसमें मिनटों में इलाज ज़रूरी होता है।
ये स्थिति क्यों होती है?
डिस्क का अचानक फटना
रीढ़ का गंभीर खिसकना
ट्यूमर/इन्फेक्शन
बड़े accident के बाद सूजन
अगर ये लक्षण दिखें तो?
डॉक्टर कहते हैं — “No delay. Just hospital.”
क्योंकि ये मामला सीधे nerves से जुड़ा है, और nerves टाइम मांगकर ठीक नहीं होते।
3. दूसरा संकेत — पैरों या हाथों में लगातार झनझनाहट, सुन्नपन या चुभन
देख, हल्की झनझनाहट तो सभी को होती है,
पर जब ये हर रोज़ होने लगे,
या सीढ़ियाँ चढ़ने-उतरने में अजीब सा करंट सा महसूस होने लगे—
समझ जा, nervous system शिकायत कर रहा है।
डॉक्टर बताते हैं कि लगातार “pins & needles” sensation spinal canal के संकुचन या slipped disc का इशारा है।
आम लक्षण:
पैर सुन्न पड़ जाना
एक ही जगह बैठने के बाद पैरों का जवाब देना बंद करना
गर्दन झुकाते ही हाथों तक बिजली सी दौड़ना
नज़रअंदाज़ करोगे तो बात बिगड़ सकती है।
4. तीसरा संकेत — अचानक चलने में कमजोरी आना या संतुलन बिगड़ना
यही वो लक्षण है जिसमें लोग कहते हैं:
“लगता है पैरों ने साथ छोड़ दिया…”
स्पाइन सर्जन बतातें हैं कि जब spinal cord पर प्रेशर बढ़ जाता है,
तो मसल्स ब्रेन से सही सिग्नल नहीं ले पातीं।
नतीजा?
चलते वक्त लड़खड़ाना
स्टेप्स मिस करना
अचानक बैठ जाना
पैर भारी लगना, जैसे किसी ने बोरा बाँध दिया हो
अगर ये लक्षण बढ़ते कम होते रहें, तब भी इग्नोर मत करना।
ये neurological decline का शुरुआती चरण हो सकता है।
5. चौथा संकेत — रात में बढ़ने वाला असहनीय कमर दर्द
देख, सामान्य back pain और “danger back pain” में जमीन-आसमान का फर्क है।
डॉक्टर कहते हैं कि अगर दर्द:
रात में बढ़ जाए,
लेटने पर चुभे,
थोड़ा चलने पर भी न कम हो,
या पैरों तक फैल जाए —
तो ये normal दर्द नहीं।
ये हो सकता है:
nerve compression
infection
tumor
severe disc prolapse
fracture
ये वो दर्द है जो शरीर से चिल्लाकर कहता है — “कुछ गड़बड़ है भाई!”
6. पाँचवाँ संकेत — रीढ़ में तेज़ चोट के बाद numbness या बढ़ता दर्द
Accidents, sports injuries या गिरने की घटना के बाद
अगर शरीर में झटके के साथ दर्द आए और फिर सुन्नपन फैलने लगे —
तो इसे “it’ll be fine” कहकर टालना बेवकूफी है।
स्पाइन सर्जन कहते हैं:
“स्पाइन चोटें धीमे-धीमे खराब होने वाली silent killers जैसी होती हैं।”
क्यों?
क्योंकि पहले 24–48 घंटे में सूजन बढ़ सकती है
और nerves को permanent damage कर सकती है।
7. स्पाइन की दूसरी चेतावनियाँ — छोटे लक्षण, बड़े मतलब
पेट या सीने तक खिंचता दर्द
हाथों में चीज़ें गिरने लगना
उँगलियों से पकड़ कमजोर होना
लंबे समय तक खड़े न हो पाना
कमर झुकाते ही तेज़ shock जैसा दर्द
ये लक्षण “wait and watch” वाले नहीं हैं।

8. डॉक्टरों की सलाह — कब MRI कराना चाहिए?
MRI कोई फैशन नहीं है भाई, पर कई बार ये जान बचाने जैसा होता है।
डॉक्टर के अनुसार, MRI तुरंत कराना चाहिए जब:
numbness बढ़ रहा हो
bladder/bowel symptoms आएँ
दर्द 6 हफ्ते से ऊपर हो
चलने में दिक्कत हो रही हो
चोट के बाद दर्द स्थिर न हो
MRI असल में पूरा नक्शा खोलकर बता देता है कि रीढ़ में कौन-सी nerve दब रही है।
9. इलाज क्या होता है?
हर चीज़ ऑपरेशन नहीं होती। ये गलतफहमी है।
डॉक्टर सबसे पहले करते हैं:
inflammation घटाने वाली दवा
physiotherapy
targeted exercises
hot/cold therapy
posture correction
bed rest (in severe cases)
और जब बात हाथ से निकल रही हो
तब आते हैं
spinal injections
microdiscectomy
decompression surgery
stabilization
डरने की ज़रूरत नहीं —
पर इग्नोर करने की ज़्यादा जरूरत नहीं।
10. क्या ये समस्या युवाओं में बढ़ रही है?
हाँ भाई, Gen-Z और Millennial दोनों की हालत tight है।
कारण:
घंटों फोन झुकाकर चलाना
wrong posture
gaming में झुककर बैठना
gym में गलत technique
सीट-जैसे ऑफिस चेयर
रात भर laptop से बातचीत
डॉक्टरों का कहना है कि आज के युवा 40 साल की उम्र की बीमारियाँ 22–25 में झेल रहे हैं।
11. बचाव के 10 पक्के तरीके
चल, थोड़ी स्पाइन-फ्रेंडली बातें भी सुन ले:
हर 30 मिनट में posture बदल
फोन को आँखों के लेवल पर रख
अचानक भारी सामान मत उठा
gym में form खराब न कर
core muscles मजबूत कर
फर्श पर पैरों को सीधा करके मत बैठ
पीठ को twist करके उठने की आदत छोड़
रोज़ 30 मिनट चल
calcium + vitamin D का ध्यान रख
“कोई बात नहीं… ठीक हो जाएगा” वाली सोच छोड़
Note: Content and images are for informational use only. For any concerns, contact us at info@rajasthaninews.com.
देखिए सुष्मिता सेन...
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