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भारत के 9 थ्रिलिंग राफ्टिंग स्थल: जहाँ एडवेंचर का शोर है – ऋषिकेश से कोलड तक

भारत के 9 थ्रिलिंग राफ्टिंग स्थल: जहाँ एडवेंचर का शोर है – ऋषिकेश से कोलड तक

भारत, इस विशाल भूमि पर, जहाँ पुरानी परम्पराएँ, हिमालय की चोटी और पश्चिम घाट की हरी वादियाँ मिलती हैं — वहाँ एडवेंचर ट्रैवल भी अब अपनी जगह बना चुका है। खासकर वाइट-वॉटर राफ्टिंग — इस प्रवाह में जहाँ पानी उछलता है, नाव कांपती है, और तुम खुद को प्रकृति के साथ एक पंक्ति में पाते हो। जी हाँ, ये रोमांच सिर्फ विदेशी फिल्मों में नहीं, बल्कि हमारी भारत की नदियों में भी मौजूद है।
आज हम देखेंगे ऐसे ९ स्थानीय स्थल, जहाँ राफ्टिंग का जलवे हैं — और हर एक का अपना अलग मधुर संगीत।

1. ऋषिकेश (उत्तराखंड)

जब “भारत में राफ्टिंग” की बात होती है, तो सबसे पहला नाम आता है ऋषिकेश का — यहाँ गंगा नदी की सफेद हलचल, हिमालय की छाँव, और साहसिक ट्रिप का मेल मिलता है। 
ऋषिकेश में विभिन्न रूट्स हैं – ब्रहमपुरी से, शिवपुरी से, मरीन ड्राइव से, कौड़ियाला से — दूरी भी छोटी-लंबी, अनुभव भी हल्का-गहरा। 
हिमालय के फोइल में, ठंडी हवा में, जब आप पैडल मारते हो और पानी चिलचिलाता है — वह एहसास, यार, वो एक अलग ही लेवल है।
टिप्स:

मौसम देखें — मानसून के बाद (अगस्त-सितंबर) या ठंड शुरू होने से पहले सबसे ठीक।

शुरुआती हो तो छोटे रूट लें, अनुभवी हो तो “कौड़ियाला से” जैसा चैलेंज ट्राई करें।

सुरक्षा उपकरण (लाइफ जैकेट, हेलमेट) मिस्ट्री नहीं — ज़रूरी हैं।

2. दांडेली (कर्नाटक)

अब चलते हैं दक्षिण भारत की ओर — दांडेली, जहाँ नदी काली के बीच जंगल-घोंघट और राफ्टिंग का मेल है। 
यहाँ जंगलों की गंध, नदियों की गूंज, और वो रोमांच — “मैं कुछ कर रहा हूँ” का एहसास — बहुत गहरा मिलता है।
खास बात:

काली नदी पर Grade III-IV के रैपिड्स मिलते हैं, यानी “ओके, डर है लेकिन मजा भी है” वाले लेवल।

वन्यजीव-प्रकृति का आस-पास होना इस ट्रिप को और अधिक “असली” बनाता है।
टिप्स:

मानसून के बाद या उसके तुरंत बाद बेहतर होता है — पानी का फ्लो अच्छा दिखता है।

जंगल-कम अभियान की भावना हो तो कुछ दिन वहाँ लड़ो, राफ्टिंग के बाद जंगल ट्रेक आदि भी कर सकते हो।

3. कोलड (महाराष्ट्र)

पश्चिम घाटों में, महाराष्ट्र के भीतरी भाग में है कोलड — जहाँ कुंडालिका नदी के जल में राफ्टिंग का अलग रूप मिलता है। 
यह जगह “मुंबई-पुणे के बगल में” होने का फायदेमंद विकल्प भी है।
कहानी:
जब उत्तर भारत का ध्यान बढ़ गया, तो कोलड ने खुद को तैयार किया — यहाँ रैपिड्स ग्रेड II-IV तक हैं, और जो मॉनसून में पानी छोड़ते बाँध हैं, वे एड्रेनालीन का पम्प बढ़ाते हैं। 
टिप्स:

सुबह पानी छोड़े जाने का टाइम जाता है — बुकिंग में पूछना।

बाकी ट्रिप की तरह सुरक्षा जरूर लें।

अगर पास में हैं (मुंबई/पुणे) तो वीकेंड में भी एक्सप्लोर कर सकते हो।

4. कूर्ग / बरापोले नदी (कर्नाटक)

पश्चिमी घाटों की गहराइयों में है बरापोले नदी, जो कोर्ग इलाके में एडवेंचर-इन-प्रकृति का स्पॉट है। 
यह एक ऐसा स्थान है जहाँ नदी शांत-से शुरू होती है, फिर थ्रिल देती है — मतलब “चाय-कॉफी बीच मे, उसके बाद पानी में झंडा” वाला अनुभव।
टिप्स:

जून-सितंबर में जाना बेहतर — क्योंकि पानी की मात्रा बढ़ी होती है।

कोर्ग की प्रकृति में कुछ दिन रहना हो तो ट्रेकिंग, कॉफी प्लांटेशन वगैरा भी जोड़ सकते हो।

5. तीस्ता नदी / सिक्किम-दार्जिलिंग क्षेत्र

हिमालय की ओर फिर से — सिक्किम-दार्जिलिंग के आसपास तीस्ता नदी आदि में भी राफ्टिंग होती है, जो उन चाहने वालों के लिए है जिन्हें “सिर्फ पानी का झटका नहीं, बल्कि हिमालय का स्पर्श” चाहिए।
यहाँ ग्रेड IV-V तक के रैपिड्स मिल सकते हैं — यानी “मैं तैयार हूँ तो ले आओ” वाला लेवल।
टिप्स:

एडवांस्डrafting लवर होंगे तो यह स्पॉट प्लान करें।

ठंडा पानी, तेजी से बदलते मौसम – ध्यान रखें।

6. कांगु / मनाली / बीआस नदी (हिमाचल प्रदेश)

हिमाचल की बीआस नदी में भी राफ्टिंग का अच्छा विकल्प है, खासकर कू̆लू-मनाली के आसपास। 
यह शानदार वैकल्पिक स्पॉट है जब कुछ नया चाहिए, या उत्तर-भारत का ट्रिप हो रहा हो।
टिप्स:

मार्च-जुलाई अच्छा समय माना जाता है। 

मनाली-कू̆लू के ट्रिप में इसे शामिल करना सुविधाजनक है।

7. झाँस्कर / लेह (जम्मू-कश्मीर / लद्दाख)

थोड़ा वाइल्ड लेवल पर — लद्दाख / झाँस्कर नदी वाला एक्सपीरियंस उन लोगों के लिए है जिन्होंने “मैं सीमा पर जाकर पानी में लड़ूंगा” वाला रोमांच ढूँढा है। 
यह आसान नहीं — ऊँचाई, ठंड, दूर-दराज… लेकिन अनुभव गहरा है।
टिप्स:

यह ट्रिप सिर्फ एडवेंचर प्रो लेवल के लिए।

मौसम, गाइडिंग, मेडिकल फिटनेस सब पहले चेक करें।

8. टोंस नदी (उत्तराखंड)

हिमालय के भीतर, टोंस नदी का नाम भी लिया जाता है – जहाँ वाइल्ड रैपिड्स मिलते हैं, और अनुभव गहरा। 
अगर आपने ऋषिकेश का “मिलन” कर लिया है, लेकिन कुछ और चाह रहे हैं — यहाँ की ओर झांक सकते हो।
टिप्स:

अनुभवी हो तो इस दिशा में देखें।

मौसम बहुत मायने रखता है — मॉनसून समय अव्यवस्थित हो सकता है।

9. ___ (आप-चाहें-तो-और-एक-स्थल)

९ स्थानों की सूची पूरी करने के लिए मैं एक और उदार विकल्प रख रहा हूँ — हो सकता है आलाकनन्दा/भगीरथी या अन्य हिमाच्छादित नदी मार्ग — उदाहरणस्वरूप “भगीरथी नदी” उत्तराखंड में एक चुनौतीपूर्ण राफ्टिंग स्थल है। 
इस तरह, एडवेंचर प्रेमी के लिए ९ जगहें तैयार हो जाती हैं — हर एक अपनी-अपनी प्रकृति, गति, चैलेंज और चमक लिए।

30 Best Places For River Rafting in India (Updated 2025)

“क्यों ये डेस्टिनेशन अच्छे हैं?”

हर जगह में प्राकृतिक सेटिंग है — हिमालय, पश्चिम घाट, जंगल, नदी का संगीत।

रैपिड्स ग्रेड्स में विविधता है — शुरुआती से लेकर एक्सपर्ट तक सबके लिए कुछ है।

आसपास का इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर होता जा रहा है — ट्रैवल आसान हुआ है।

अनुभव सिर्फ “कैम्प + रॉफ़्टिंग” नहीं, बल्कि “जीवन से टकराना” जैसा है — लहरें, पानी की आवाज़, हवा का झोंका, खुद की धड़कन।

रोमांच के साथ-साथ प्रकृति-प्रयोग का मौका — जंगल देखें, नदी सुनें, समय थम जाए।

“कुछ सच बताऊँ, कोमल नहीं”

हाँ, एडवेंचर है — मतलब जोखिम भी है। नाव पलट सकती है, हो सकता है कुछ चोट-मोटी हो जाए। इसलिए गाइड्स, सुरक्षा उपकरण, लाइफ जैकेट बिलकुल ज़रूरी हैं।

मौसम का बहुत बड़ा हाथ है — मॉनसून में कभी-कभी ट्रिप रुक सकती है।

भीड़-भाड़ भी बढ़ी है — लोकप्रिय जगहों पर शोर-शराबा और “मै लाखों चित्र खींचूंगा” वाला चलन है, जिससे अनुभव कम “خاموش प्रकृति” जैसा हो सकता है।

प्रकृति को नुकसान मत पहुँचाना — नदी किनारे कूड़ा, शोर, चलाके-चलाके पर्यावरण बुरा होता है। मजा लें, लेकिन सम्मान के साथ।

“ट्रिप प्लान करते समय ध्यान देने योग्य बातें”

ट्रैवल और राफ्टिंग ऑपरेटर की विश्वसनीयता चेक करें — लाइसेंस, गाइडिंग अनुभव, सुरक्षा रिकॉर्ड।

दूरी, समय और लागत देखें — ९ किमी से लेकर ३६-४० किमी तक ट्रिप हो सकती है। 

मौसम, पानी का स्तर और अवधि चेक करें — कुछ जगहों में सुबह-सुबह पानी छोड़ा जाता है।

खुद तैयार रहें — पानी-रोब, तौलिया, मेटल/ब्लूटूथ स्पीकर का कम चेज़, सुरक्षित जूते।

ट्रिप के बाद प्रकृति का अनुभव लें — कैम्प फायर हो, नदी किनारे शांति हो — सिर्फ नाव चलाना ही नहीं।

भारत में राफ्टिंग अब सिर्फ “टूरिस्ट एक्टिविटी” नहीं रही — यह एक जीवन का अनुभव बन गयी है। जब तुम नाव पर चढ़ते हो, पैडल मारते हो, चारों तरफ पानी उड़ता है, फिर एक सेकंड के लिए सब शांत होता है, तुम खुद से बोलते हो — हाँ, मैं यहाँ हूँ, मैं इस प्रवाह में हूँ — तो समझ लेना, वह पल तुम्हारे लिए “यादगार” बन जाता है।

तो अगर इस साल “कुछ नया करना है” वाला मूड है — बैग पैक करो, सैंडल निकालो, लाइफ जैकेट मान लो — और इन नौ अद्भुत स्पॉट्स में से एक चुनो। नदी का संगीत, प्रकृति की लहरें, और तुम — दोनों मिलकर कुछ कह जाएंगे।


Note: Content and images are for informational use only. For any concerns, contact us at info@rajasthaninews.com.

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