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उमर अब्दुल्ला का बयान: आतंकियों पर सख्ती जरूरी, लेकिन निर्दोष न हों शिकार

उमर अब्दुल्ला का बयान: आतंकियों पर सख्ती जरूरी, लेकिन निर्दोष न हों शिकार

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद एक महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए, लेकिन निर्दोष नागरिकों को इस संघर्ष में नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीर के लोग आतंकवाद और निर्दोषों की हत्या के खिलाफ खुलकर सामने आए हैं, और यह समर्थन महत्वपूर्ण है।

उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार से अपील की कि वे आतंकवादियों और निर्दोष नागरिकों के बीच अंतर करें, ताकि कश्मीर के लोगों का विश्वास बना रहे और वे आतंकवाद के खिलाफ समर्थन जारी रखें। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई जरूरी है, लेकिन निर्दोषों को नुकसान नहीं होना चाहिए।

इससे पहले, जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों के बाद उमर अब्दुल्ला ने हमेशा निर्दोष नागरिकों की सुरक्षा की बात की है। उदाहरण के लिए, नवंबर 2024 में श्रीनगर के TRC क्षेत्र में हुए ग्रेनेड हमले के बाद उन्होंने कहा था कि निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाना कभी भी जायज नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने सुरक्षा बलों से आग्रह किया था कि वे ऐसे हमलों को रोकने के लिए हर संभव कदम उठाएं।

उमर अब्दुल्ला का यह बयान कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ एक संतुलित और मानवीय दृष्टिकोण को दर्शाता है, जिसमें सुरक्षा के साथ-साथ नागरिकों के अधिकारों और सुरक्षा का भी ख्याल रखा जाता है।

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यदि पाकिस्तान ने इस हमले में शामिल होने की जिम्मेदारी ली है, तो भारत को पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान को यह संदेश देना जरूरी है कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति में कोई नरमी नहीं आएगी।

उमर अब्दुल्ला ने यह भी स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने इस हमले के बाद पाकिस्तान से कोई सीधी बातचीत नहीं की है और इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से ही प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान से बातचीत के लिए कोई भी पहल तभी संभव है जब पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाए।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पहलगाम जैसे पर्यटन स्थलों पर आतंकवादी हमले से राज्य की छवि को नुकसान पहुंचता है और इससे पर्यटन उद्योग पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। उन्होंने राज्य की सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिया है कि वे हमले के दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करें और राज्य में शांति बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं।

इस हमले में दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी और एक नागरिक घायल हुआ था। यह हमला जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुआ था, जो एक प्रमुख पर्यटन स्थल है।

उमर अब्दुल्ला ने इस हमले को राज्य की सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती बताया और कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में राज्य सरकार केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम करेगी।

आतंकवादियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए, लेकिन निर्दोष नागरिकों को इस संघर्ष में नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए। 

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