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अमेरिकी टैरिफ से झटके खा रहे MSME निर्यातकों के लिए सरकार लाएगी मेगा राहत पैकेज

अमेरिकी टैरिफ से झटके खा रहे MSME निर्यातकों के लिए सरकार लाएगी मेगा राहत पैकेज

अमेरिकी टैरिफ से झटके खा रहे निर्यातकों को सरकार का सहारा, जल्द आएगा मेगा पैकेज

नई दिल्ली | 6 सितम्बर 2025 — अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय सामानों पर लगाए गए 50% टैरिफ से जूझ रहे सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) निर्यातकों के लिए केंद्र सरकार बड़ा राहत पैकेज लाने जा रही है। इस कदम से निर्यातकों को अनुमानित 45 से 80 अरब डॉलर तक के नुकसान से राहत मिलने की उम्मीद है।

पैकेज में क्या होगा?

सूत्रों के मुताबिक सरकार जिन प्रावधानों पर विचार कर रही है, उनमें शामिल हैं:

लोन की सीमा बढ़ाना और क्रेडिट गारंटी: MSME सेक्टर को ज्यादा कर्ज उपलब्ध कराने के साथ सरकार गारंटी भी देगी।

ब्याज पर सब्सिडी और इक्विटी फाइनेंसिंग: कंपनियों को कम ब्याज दरों पर लोन और इक्विटी के नए विकल्प मिलेंगे।

सबऑर्डिनेट डेट और फंड ऑफ फंड्स: कोविड काल जैसी योजना के तहत छोटे उद्यमों को सीधी पूंजी सहायता।

एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन (EPM): ब्रांडिंग, पैकेजिंग, लॉजिस्टिक्स और नए बाजारों तक पहुंच में मदद।

किन सेक्टरों को सबसे ज्यादा राहत?

टैरिफ का सबसे ज्यादा असर टेक्सटाइल, ज्वैलरी, लेदर, फुटवियर, इंजीनियरिंग गुड्स, मरीन प्रोडक्ट्स और एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट्स पर पड़ा है। यही सेक्टर पैकेज से विशेष लाभान्वित होंगे।

पृष्ठभूमि: ट्रंप टैरिफ का झटका

अगस्त 2025 में अमेरिका ने भारत से आने वाले सामान पर 25% रेसिप्रोकल ड्यूटी + 25% पेनल्टी ड्यूटी मिलाकर 50% टैक्स लगा दिया।

भारत के करीब $86.5 अरब डॉलर सालाना निर्यात में से दो-तिहाई अब महंगे पड़ गए हैं।

परिणामस्वरूप, तिरुपुर, सूरत, नोएडा और गुजरात जैसे हब में ऑर्डर घटे हैं, उत्पादन धीमा पड़ा है और छंटनी का खतरा बढ़ गया है।

सरकार का नजरिया

अमेरिकी टैरिफ झटके पर भारत का जवाब। MSME और SEZ को राहत | Subkuz
अमेरिकी टैरिफ से झटके खा रहे निर्यातकों को सरकार का सहारा

वित्त मंत्रालय का मानना है कि यह राहत पैकेज कोविड काल जैसी “संकट से निपटने की आपात योजना” की तरह होगा। इससे MSME क्षेत्र में रोज़गार और उत्पादन दोनों को सहारा मिलेगा। प्रस्ताव को अंतिम रूप देकर जल्द ही कैबिनेट में पेश किया जाएगा।

📌 निष्कर्ष: अमेरिकी टैरिफ ने भारत के छोटे निर्यातकों पर गहरी चोट की है, लेकिन सरकार का आगामी मेगा पैकेज उन्हें नई ताकत और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में दोबारा खड़े होने का अवसर दे सकता है।


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