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Explain H1-B Rules: क्या है H1-B वीजा, जानिए नए नियम और भारतीयों पर असर

Explain H1-B Rules: क्या है H1-B वीजा, जानिए नए नियम और भारतीयों पर असर

Explain H1-B Rules: क्या है H1-B वीजा का पूरा मामला?

H1-B वीजा क्या है?

H1-B वीजा अमेरिका का एक वर्क वीजा है।

यह मुख्य रूप से स्पेशल स्किल वाले विदेशी प्रोफेशनल्स (जैसे IT इंजीनियर, डॉक्टर, रिसर्चर) को दिया जाता है।

इस वीजा से कोई भारतीय प्रोफेशनल अमेरिकी कंपनी में रहकर काम कर सकता है।

इसकी वैधता शुरू में 3 साल की होती है, जिसे अधिकतम 6 साल तक बढ़ाया जा सकता है।

क्यों खास है H1-B?

भारतीय IT प्रोफेशनल्स की सबसे ज्यादा डिमांड अमेरिका में रहती है।

अमेरिका की कई बड़ी टेक कंपनियां (Google, Microsoft, Amazon जैसी) भारतीय इंजीनियरों पर निर्भर हैं।

हर साल लाखों एप्लिकेशन आती हैं, लेकिन केवल लगभग 85,000 वीजा ही जारी होते हैं।

ट्रंप सरकार ने क्या बदलाव किए थे?

ट्रंप प्रशासन (2017-2020) ने H1-B वीजा नियमों को सख्त किया ताकि:

अमेरिकी नागरिकों को नौकरी में प्राथमिकता मिले।

सस्ते विदेशी लेबर पर निर्भरता कम हो।

विजा की स्क्रूटनी (जांच) ज्यादा हो — यानी कंपनियों को साबित करना होगा कि वे विदेशी कर्मचारी को क्यों रख रही हैं।

मुख्य बदलाव:

H1-B वीजा के लिए सैलरी क्राइटेरिया बढ़ा दिया गया ताकि सिर्फ हाई-स्किल और हाई-पे प्रोफेशनल्स ही चुने जाएं।

IT सर्विस कंपनियों पर कड़ा असर, क्योंकि वे कम सैलरी पर इंजीनियर भेजती थीं।

वीजा एक्सटेंशन और नया अप्लाई करना मुश्किल बना दिया गया।

भारतीयों पर असर

भारत से जाने वाले सबसे ज्यादा IT प्रोफेशनल्स प्रभावित हुए।

अमेरिका में काम करने का सपना रखने वाले कई इंजीनियरों की वीजा एप्लिकेशन रिजेक्ट हो गई।

जो पहले से अमेरिका में थे, उन्हें भी अनिश्चितता का सामना करना पड़ा।

आगे क्या बदल जाएगा?

ट्रंप सरकार के बाद बाइडेन प्रशासन ने नियमों को थोड़ा आसान किया है, लेकिन H1-B अब भी पूरी तरह सरल नहीं है।

अब चयन लॉटरी सिस्टम से होता है, जिसमें ज्यादा स्किल्ड और ज्यादा सैलरी वाले एप्लिकेंट्स की संभावना बढ़ती है।

अमेरिका की कोशिश है कि वीजा उन लोगों को मिले जो वास्तव में हाई-टेक सेक्टर में योगदान कर सकें।

आम सवाल और जवाब

Q. क्या हर कोई H1-B वीजा ले सकता है?
👉 नहीं। इसके लिए अमेरिकी कंपनी से जॉब ऑफर होना जरूरी है।

Q. H1-B वीजा कितने साल का होता है?
👉 शुरू में 3 साल, फिर इसे 6 साल तक बढ़ाया जा सकता है।

Q. हर साल कितने H1-B वीजा दिए जाते हैं?
👉 करीब 85,000 (65,000 जनरल + 20,000 मास्टर्स डिग्री वाले)।

Q. भारतीयों पर असर क्यों ज्यादा है?
👉 क्योंकि हर साल सबसे ज्यादा आवेदन भारत से आते हैं, खासकर IT सेक्टर के।


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