कैलिफ़ोर्निया के 20 साल अनुभव वाले कार्डियोलॉजिस्ट बताते हैं: “Melatonin के वो साइड इफेक्ट्स जो कोई नहीं बताता”
- byAman Prajapat
- 14 November, 2025
रात गहरी होती है, दुनिया की भागदौड़ धूल की तरह settle हो जाती है, और इंसान अपने बिस्तर पर पसरा हुआ वह नींद ढूँढता है जो अब पहले जैसी मासूम नहीं रही।
स्क्रीन की चकाचौंध ने, late-night reels ने, और दिल-दिमाग के तनाव ने हमारी नींद को ऐसे उलझाया है जैसे पुराने रेडियो में आवाज़ बीच-बीच में क्रैकल करती है।
और फिर एंट्री होती है — Melatonin सप्लीमेंट की।
छोटी-सी गोली…
हर मेडिकल स्टोर पर आसानी से मिल जाने वाला “नींद का जादू”।
लोग सोचते हैं —
“Natural hormone है… इससे क्या बुरा होगा?”
But भाई, ज़िंदगी उतनी सीधी नही होती जितनी हम सोच लेते हैं।
Nature ke नाम par बेचने wale bahut hain, par सच्चाई हमेशा शांत होकर, धीरे-धीरे चुभती है।
और यहीं से शुरू होती है वो चर्चा, जो कैलिफ़ोर्निया के 20 साल अनुभव वाले cardiologist ने उठाई —
एक ऐसी बात, जिसके बारे में कोई खुलकर बात नहीं करता।
🌙 Melatonin: नींद का देवता या धीरे-धीरे बनाने वाला खतरा?
Cardiologist की मानें तो Melatonin बिल्कुल वैसा ही है जैसे कोई अनजानी मदद —
काम तो कर देता है, लेकिन उसके बदले में शरीर से कुछ ले जाता है।
उन्होंने साफ-साफ कहा:
“Melatonin natural है, लेकिन supplements natural नहीं होते। और रोज़-रोज़ इस hormone को शरीर के सिस्टम में डालना ऐसा है जैसे हर रात घड़ी के time को हाथ से पीछे-आगे करना।”
परम्परागत आयुर्वेद से लेकर modern physiology तक एक बात सब मानते हैं —
शरीर का अपना rhythm, अपनी लय सबसे पवित्र होती है।
उसे disturb करना मतलब long-term गड़बड़ का invitation।
💓 हार्ट फेल्योर का 90% तक बढ़ता जोखिम — नया अध्ययन
अब ज़रा यहाँ दिल थाम कर सुनो।
एक बड़े अध्ययन में सामने आया कि:
जो लोग Melatonin एक साल से ज्यादा लेते रहे, उनमें आने वाले पाँच वर्षों में heart failure का जोखिम लगभग 90% तक बढ़ा पाया गया।
इसका मतलब ये नहीं कि Melatonin अकेला “killer” है — पर यह स्पष्ट संकेत है कि long-term use शरीर की जैविक घड़ी को इतना disturb कर देता है कि दिल का कामकाज भी प्रभावित होने लगता है।
Cardiologist बोले—
“Heart सिर्फ blood pump नहीं करता, यह पूरे शरीर की rhythm चलाता है। Melatonin को रोक-टोक करके रोज़ देना, उस rhythm को झटका देने जैसा है।”
Traditional medicine इसे दोष विकृति, modern science इसे hormonal dysregulation कहती है।
नाम चाहे जो हो — नतीजा same है।

🧠 Hormonal Timing का बिगड़ना — सब कुछ उलझाता है
Melatonin का काम सिर्फ नींद दिलाना नहीं है।
ये शरीर को ये बताता है कि:
“अब repair का time है…”
“अब कोशिकाओं ने आराम करना है…”
“अब stress hormones कम होने चाहिए…”
लेकिन जब तुम इसे रोज़ सप्लीमेंट की तरह ले लेते हो, तो शरीर की अपनी factory confuse हो जाती है —
“अरे, मैं बनाऊँ क्या? बाहर से already आ गया!”
यानी धीरे-धीरे body की natural production कमजोर होने लगती है।
और फिर एक दिन तुम बिना गोलियों के सो ही नहीं पाते —
ये dependency असली खतरा है।
😴 आम साइड इफेक्ट्स जो लोग lightly ले लेते हैं
हाँ, basic side effects तो सबको पता होते हैं —
सिरदर्द
चक्कर
सुबह सुस्ती
अजीब dreams
जी मिचलाना
पर जो hidden हैं, वो इस doctor ने खास बताए:
body temperature गिरना
metabolism slow होना
immune response down होना
depression-like state आना
याद रखो, शरीर रात को सिर्फ सोता नहीं —
repair करता है,
toxins हटाता है,
hormones reset करता है।
Melatonin की manipulation इन सब को धीमा कर सकती है।
🫀 Heart + Sleep Cycle = गहरी रहस्यमयी जोड़ी
Heart और नींद का रिश्ता बेहद गहरा है।
नींद आते ही heart-rate कम होता है, BP normalize होता है, vessel relaxation होता है।
अगर नींद artificial trigger से आए, तो ये system natural की तरह behave नहीं करता।
यही कारण है कि long-term Melatonin users में heart imbalance के case बढ़ रहे हैं।
Cardiologist ने कहा:
“दिल को रात की शांति चाहिए—not hormonal shortcuts.”
और सच कहूँ तो old-school दादी-नानी भी यही कहती थीं —
“रात को मन शांत रखो, नींद खुद आ जाएगी।”
⚠ जिनको heart diseases हैं, उनके लिए यह और risk बढ़ाता है
अगर already तुम्हें इनमें से कोई समस्या है—
high BP
diabetes
cholesterol
arrhythmia
heart medication
तो Melatonin दवाओं से interact कर सकता है।
कभी dose कम करता है, कभी ज्यादा असर डालता है — दोनों ही स्थिति खतरनाक।
😮 “Natural” कभी भी “safe forever” नहीं होता
यह doctor अकेले नहीं, दुनिया के top sleep experts भी ये बात बार-बार कहते हैं कि:
Natural supplement का मतलब यह नहीं कि ये harmless है।
Body के hormone system को छेड़ना हमेशा भारी पड़ सकता है।
नींद का असली इलाज lifestyle और circadian habits में है।
Traditional wisdom भी यही कहती है —
“नींद दवा से नहीं, आदतों से आती है।”
🌿 तो क्या करें? इसका सही इस्तेमाल क्या है?
सुनो, short में बोलूंगा—
Melatonin emergency tool है, daily pill नहीं।
कब लेना ठीक है:
jet lag
night shift adjustment
कुछ rare neurological issues
temporary sleep disturbance
कब बिल्कुल avoid:
रोज़ की आदत
heart disease
बिना doctor की सलाह
सालों तक लगातार
🌙 बेहतर नींद के असली, पुराने, tested तरीके
अब आता है वो हिस्सा जिसमें हमारी traditional wisdom चमकती है:
सोने से 2 घंटे पहले screen off
हल्की गर्म रोशनी
एक गुनगुना पानी
रात का खाना हल्का
दिन में 20–30 min sunlight
natural sleep cycle maintain करना
तनाव कम करना
रात को overthinking रोकना (यह सबसे बड़ा villain है)
ये वो चीजें हैं जो असली नींद वापस लाती हैं —
na कि छोटी-सी गोली।
Note: Content and images are for informational use only. For any concerns, contact us at info@rajasthaninews.com.
देखिए सुष्मिता सेन...
Related Post
Hot Categories
Recent News
Daily Newsletter
Get all the top stories from Blogs to keep track.









_1764510754.jpg)