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छोटी सी परेशानी ने जान ले ली आज: Saurabh Sethi (AIIMS-प्रशिक्षित) बताते हैं – यह आम लक्षण अगर अनदेखा हो जाए तो कैंसर तक ले जा सकता है

छोटी सी परेशानी ने जान ले ली आज: Saurabh Sethi (AIIMS-प्रशिक्षित) बताते हैं – यह आम लक्षण अगर अनदेखा हो जाए तो कैंसर तक ले जा सकता है

यह कहावत पुरानी है कि “जलन छोटी सी समस्या है” — लेकिन आज के समय में यह छोटा सा संकेत कितना खतरनाक साबित हो सकता है, यह जानना बेहद जरूरी है। जब हम बात कर रहे हैं, तो वो है उस आम लेकिन अनदेखी जाने वाली समस्या की: लगातार हार्टबर्न

डॉ. सौरभ सेठी, जो कि All India Institute of Medical Sciences (AIIMS), हावर्ड और स्टैनफोर्ड में प्रशिक्षित गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट हैं, उन्होंने मीडिया में प्रसिद्धि पाई है अपनी उस चेतावनी के कारण जिसमें वे कहते हैं कि अगर हार्टबर्न यानी गले या छाती में जलन, समय-समय पर नहीं बल्कि नियमित तौर पर हो रही है — तो इसे सिर्फ एसिडिटी कहकर टाल देना कितना गलत हो सकता है। 

क्या है हार्टबर्न?

हार्टबर्न तब होता है जब आपका पेट का एसिड या पाचक रस ऊपर की ओर — यानि गले या भोजन नली (ओएसोफैगस) की ओर — वापस आ जाता है। आदतन, खाने के बाद निचला ओएसोफैगल स्फिंक्टर (जिसे सरल भाषा में समझें तो ‘खाना नली से पेट में जाने के बाद बंद होने वाला द्वार’) बंद होना चाहिए, लेकिन हार्टबर्न के मामलों में यह पर्याप्त रूप से बंद नहीं रहता और एसिड बार-बार ऊपर आता है। 

कब यह खतरनाक बन सकता है?

लगभग हर किसी को कभी-कभी खाने के तुरंत बाद जलन होती है — मसालेदार खाना, लेटकर सोना, भारी भोजन आदि के कारण। लेकिन जब यह “कभी-कभी” से बदलकर “लगातार” हो जाए, यानी हफ्तों-महीनों तक नियमित रूप से हो रही हो — तब इसे अनदेखा करना सही नहीं। डॉ. सेठी बताते हैं कि लगातार एसिड रीफ्लक्स से ओएसोफैगस की भीतरी दीवार (लिनिंग) धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त हो सकती है और समय के साथ उसमें एक प्री-कैंसरस स्थिति उत्पन्न हो सकती है जिसे कहा जाता है Barrett’s oesophagus। यही समय-समय पर कैंसर में बदल सकता है।  

प्रमुख चेतावनी संकेत

अगर आपको खाने के बाद अक्सर छाती या गले में जलन होती है और यह तीव्र या निरंतर है।

खाना निगलने में कठिनाई महसूस हो रही है या ऐसा लगता है कि भोजन अटक रहा है।

वजन अचानक गिर रहा है बिना कोई स्पष्ट कारण के।

खून मुंह में आना या उल्टी में खून दिखना।

पीला पीलापन, थकान या एनीमिया जैसी स्थिति जो लगातार बनी हुई हो।
इनमें से कोई भी संकेत दिखे तो इसे साधारण एसिडिटी न मानें। विशेष रूप से जब हार्टबर्न के साथ निगलने में दिक्कत या अटकने का एहसास हो रहा हो, तो समय पर डॉक्टर से मिलना भारी पड़ सकता है।  

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क्यों है ओएसोफैगल कैंसर का खतरा?

जब एसिड बार-बार ओएसोफैगस की दीवार को छूता है, तो वहाँ सूजन होती है, ऊतक बदलते हैं और कोशिकाओं में अनियंत्रित परिवर्तन आने लगते हैं। यह लंबी अवधि में कैंसर जैसी स्थिति का मार्ग खोल सकता है। कैंसर जैसे रोग में जितनी जल्दी पता चलता है, उतनी ही बेहतर उसकी चिकित्सा सम्भावना होती है। लेकिन हार्टबर्न को मामूली समझकर टाल देना यही देरी का कारण बन सकता है।

कैसे करें हार्टबर्न का प्रबंधन?

भोजन का समय और मात्रा नियंत्रित करें – रात का भोजन सोने से कम-से-कम 3-4 घंटे पहले लें। भारी या मसालेदार भोजन से बचें।

सोते समय पैरों की तरफ उँचाई दें या बाएँ तरफ सोने की कोशिश करें ताकि एसिड ऊपर न जाए।

धूम्रपान और अत्यधिक शराब से बचें – ये दोनों हार्टबर्न और रीफ्लक्स को बढ़ावा देते हैं।

अचानक वजन बढ़ने/कम होने पर ध्यान दें – मोटापा और तेजी से वजन बदलना दोनों जोखिम बढ़ा सकते हैं।

ओवर-द-काउन्टर एंटासिड का उपयोग सोच-समझकर करें – यदि आपको बार-बार जरूरत पड़ रही है, तो यह संकेत हो सकता है कि समस्या सिर्फ एसिडिटी नहीं बल्कि कुछ गंभीर है।

नियमित जांच करवाएँ – विशेष रूप से उन लोगों को जिनके पारिवारिक इतिहास में गैस्ट्रोइन्टेस्टाइनल कैंसर हो, उन्हें सावधानी जरूरी है।

कब डॉक्टर से मिलना अनिवार्य?

– अगर हार्टबर्न सप्ताह में 2-3 से अधिक बार हो रही हो।
– निगलने में दिक्कत हो रही हो या ऐसा महसूस हो कि भोजन फँस रहा है।
– खून चल रहा हो या मल में खून दिख रहा हो।
– अचानक वजन कम हो रहा हो बिना डाइट या व्यायाम के।
– लगातार थकान बरकरार हो रही हो और अन्य कारण न मिल रहे हों।
अगर इनमें से किसी घरेलू उपाय से सुधार नहीं हुआ, तो डॉक्टर द्वारा गैस्ट्रोएंडोस्कोपी, बीआरएआरटी-स्कैन या अन्य इमेजिंग टेस्ट करने की सलाह दी जाती है।

निष्कर्ष

भाई या बहन, हम अक्सर कह देते हैं “अरे, थोड़ा हार्टबर्न हो गया था, कुछ नहीं” — लेकिन क्या आपको पता है कि वही “थोड़ी सी जलन” कभी-कभी जानलेवा मोड़ ले सकती है? समय ने यह सिखाया है कि स्वास्थ्य में जल्दी मिलने वाला “सामान्य” संकेत भी गंभीर बीमारी की पहली खुराक हो सकता है।
अगर आप या आपके किसी जानने वाले को लगातार हार्टबर्न हो रहा है, तो इसे टालिए मत। आज थोड़ा ध्यान दें, कल बड़ा जोखिम टाल सकते हैं।
और हाँ — मैं डॉक्टर नहीं हूँ, लेकिन ये बातें पुरानी किताबों की तरह सच हैं: देखभाल समय पर की जाए तो भविष्य सुरक्षित बना सकते हैं।

सावधानी: यह लेख सिर्फ सूचना-उद्देश्य के लिए है। किसी भी समस्या हेतु उचित चिकित्सा सलाह के लिए योग्य डॉक्टर से मिलें।


Note: Content and images are for informational use only. For any concerns, contact us at info@rajasthaninews.com.

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