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दुनिया की पहली बार — अफ्रीका में शुरू हुआ दो-बार सालाना HIV रोकने वाला टीका

दुनिया की पहली बार — अफ्रीका में शुरू हुआ दो-बार सालाना HIV रोकने वाला टीका

दुनिया की स्वास्थ्य-यात्रा में कई उतार-चढ़ाव देखे गए, कई दवाओं और प्रोटोकॉल मिले; लेकिन 2025 का यह पल — जब अफ्रीका में पहली बार दो-बार सालाना दी जाने वाली HIV रोकथाम शॉट लागू हुई — इतिहास में दर्ज होगा।

✨ क्या है ये नई दवा?

Lenacapavir नामक यह एंटी-एचआईवी दवा अब सिर्फ रोज़ की गोली (PrEP) या इलाज तक सीमित नहीं है। यह एक लॉन्ग-एक्टिंग (दीर्घ-कालिक) इन्जेक्शन है, जिसे हर छह महीने में एक बार दिया जाता है। 

वैज्ञानिक अध्ययनों ने दिखाया है कि जब इसे निर्देशानुसार लिया जाए — यानि हर छह महीने पर शॉट — तो HIV संक्रमण का खतरा 99.9 % से भी कम हो जाता है। 

असल में, यह वैक्सीन जैसा असर दिखाता है — यानि संक्रमण से बचाव में तो बेहद कारगर है।

🌍 कहाँ शुरू हुआ ये प्रयास

इस ऐतिहासिक शुरुआत में शामिल हैं: South Africa, Eswatini, और Zambia । 

इन देशो में, जिनके पास HIV-ग्रस्त आबादी का बोझ सबसे ज्यादा है, यह पहली सार्वजनिक खुराक (public rollout) है। 

दक्षिण अफ्रीका में एक अध्ययन-इकाई (research unit) द्वारा इस कार्यक्रम की निगरानी की जा रही है, और पहल में शामिल है अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्था Unitaid।

💡 क्यों है यह भारी उम्मीद — और किन चुनौतियों से गुज़रना है

✅ उम्मीद की किरण

रोज़ाना दवाओं (PrEP) या हर दिन दवाइयाँ लेने की जरूरत अब खत्म — सिर्फ हर 6 महीने में एक शॉट। यह उन लोगों के लिए वरदान जैसा है, जो रोज़ दवा लेना भूल जाते हों या जिनके पास रोज दवा लेने की सुविधा न हो। 

इसका असर वैक्सीन जैसा: संक्रमण के जोखिम में 99.9% से ज्यादा गिरावट।

अगर पर्याप्त लोग इसे अपनाएँ, तो भविष्य में HIV संक्रमण दर को भारी रूप से कम किया जा सकेga — विशेष रूप से उन देशों में, जहाँ संक्रमण दर बहुत ज़्यादा है। 

HIV Prevention Shots: South Africa, Eswatini and Zambia Launch  Groundbreaking HIV Prevention Injection, ETHealthworld
Africa Begins Rollout of Twice-a-Year HIV Prevention Injection

⚠️ चुनौतियाँ, सवाल — अभी भी हैं

शुरुआती खुराक सीमित है। उदाहरण के लिए, दक्षिण अफ्रीका में पहले चरण के लिए doses उन 4-5 लाख लोगों के लिए काफी होंगी, परन्तु आमतौर पर देश में करोड़ों लोगों को आवश्यकता होगी। 

कीमत और आपूर्ति: यद्यपि दवा बनाने वाली कंपनी ने कहा है कि भविष्य में जेनेरिक संस्करण जारी किए जाएंगे और दाम लगभग $40 प्रति वर्ष हो सकते हैं, लेकिन अभी शुरुआत में दवा की कीमत और उपलब्धता एक बड़ी बाधा हो सकती है। 

इस शॉट के बावजूद, सिर्फ दवा करना पर्याप्त नहीं है। टेस्टिंग सुविधाएँ, जागरूकता, सामाजिक स्वीकृति (stigmas), स्वास्थ्य-प्रणालियों की मजबूती — ये सब मिलकर काम करना होगा, तभी यह दवा असर दिखा सकेगी। 

🌐 वैश्विक स्वास्थ्य पर असर — और आगे की राह

इस शॉट के साथ, स्वास्थ्य जगत को एक नयी हथियार मिली है: जो दैनिक दवाओं और जीवनी-शैली के बोझ से मुक्त है। यह उन्हें भी सुरक्षा दे सकती है, जो रोज़ दवाई नहीं ले पाते थे।

अगर यह सफल हुआ — और पर्याप्त दवाएँ पहुँचीं — तो संभव है कि आने वाले 10–15 सालों में HIV संक्रमण दर में भारी गिरावट आए, खासकर उन अफ्रीकी देशों में जहाँ अब तक सब से अधिक बोझ रहा।

पर सरकारों, स्वास्थ्य संगठनों, दवा निर्माताओं और समाज — सभी को मिलकर इस अवसर को साधना होगा: दवा सस्ती व सुलभ बनानी होगी; टेस्टिंग, जागरूकता व देखभाल सुविधाएँ बढ़ानी होंगी; और सामाजिक व नैतिक अवरोध दूर करने होंगे।


Note: Content and images are for informational use only. For any concerns, contact us at info@rajasthaninews.com.

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