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Yuzvendra Chahal ने तलाक के बाद मानसिक संघर्ष और आत्महत्या के विचारों पर तोड़ी चुप्पी

Yuzvendra Chahal ने तलाक के बाद मानसिक संघर्ष और आत्महत्या के विचारों पर तोड़ी चुप्पी

📰 चहल का खुलासा: "न कभी धोखा दिया, न ही मैं वो इंसान हूं जो हार मान जाए"

भारतीय क्रिकेटर युजवेंद्र चहल ने हाल ही में अपने तलाक के बाद के मानसिक संघर्ष को लेकर एक इंटरव्यू में खुलकर बातचीत की। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी अपनी पत्नी धनश्री वर्मा को धोखा नहीं दिया और उन पर लगे "cheater" जैसे आरोपों ने उन्हें गहराई तक आहत किया।

Newsband - Yuzvendra Chahal breaks silence
Yuzvendra Chahal ने तलाक के बाद मानसिक संघर्ष और आत्महत्या के विचारों पर तोड़ी चुप्पी

🧠 मानसिक स्वास्थ्य की जंग:

चहल ने बताया कि उन्होंने गंभीर डिप्रेशन और एंग्जायटी का सामना किया। उन्हें एंग्जायटी अटैक आते थे, वे रोज़ाना लगभग 2 घंटे तक रोते थे, और करीब 40–45 दिनों तक सिर्फ़ 2 घंटे की नींद ले पाए। इस मानसिक तनाव ने उनकी ज़िंदगी को अस्त-व्यस्त कर दिया।

⚠️ आत्महत्या जैसे ख्याल:

चहल ने यह भी स्वीकार किया कि उन पर आत्महत्या जैसे विचार आने लगे थे। उन्होंने कहा कि वह ज़िंदगी से बहुत थक गए थे और खुद को खोने लगे थे।

🏏 क्रिकेट से दूरी की बात:

इस कठिन समय के बीच चहल ने क्रिकेट से ब्रेक लेने का मन बनाया। उनका ध्यान खेल पर नहीं लग रहा था और उन्होंने अपने राज्य की टीम (विजय हजारे ट्रॉफी) से खुद को अलग कर लिया, ताकि उनकी मानसिक स्थिति टीम को प्रभावित न करे।

❤️ रिश्ते में दूरी के कारण:

उन्होंने बताया कि दोनों के बीच समय की कमी, काम का दबाव और भावनात्मक जुड़ाव का टूटना रिश्ते में खटास लाने के कारण बने। उन्होंने यह भी कहा कि बाहर से वे एक "नॉर्मल कपल" दिखते थे, लेकिन अंदर से सब कुछ बिखर चुका था।

🤝 सहारा और समर्थन:

इस मुश्किल दौर में चहल को अपने करीबी दोस्तों और खास तौर पर RJ महवश जैसे लोगों का समर्थन मिला। उन्होंने इस समर्थन को "जिंदगी बदलने वाला" बताया।

यह क्यों महत्वपूर्ण है?

युजवेंद्र चहल जैसे मशहूर खिलाड़ी द्वारा इस तरह खुले दिल से मानसिक स्वास्थ्य पर बात करना समाज के लिए बेहद ज़रूरी संदेश है। इससे यह समझ आता है कि सफलता और प्रसिद्धि के पीछे भी भावनात्मक पीड़ा छिपी हो सकती है। उनका यह साहसिक कदम और अनुभव न केवल मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूकता बढ़ाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि मदद मांगना कमज़ोरी नहीं, बल्कि ताकत है

🔍 सारांश तालिका:

विषयविवरण
धोखाधड़ी का आरोपखुद को "cheater" कहे जाने से बहुत आहत हुए
मानसिक संघर्षडिप्रेशन, एंग्जायटी, हर दिन 2 घंटे रोना
नींद की कमीलगातार 40–45 दिन तक केवल 2 घंटे सो पाए
आत्महत्या के विचारजिंदगी से थक जाने की भावना
क्रिकेट से ब्रेकविजय हजारे ट्रॉफी से ब्रेक लेकर मानसिक स्थिति सुधारी
समर्थनकरीबी दोस्त, थैरेपी और समय के साथ स्थिति संभाली

Note: Content and images are for informational use only. For any concerns, contact us at info@rajasthaninews.com.

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