सावन में गलती से भी न खाएं ये चीजें, लग सकता है पाप, जानें क्या खाना है शुभ
- bypari rathore
- 02 August, 2025

11 जुलाई 2025 से सावन माह की पवित्र शुरुआत हो चुकी है। पूरे देश में भोलेनाथ के जयकारों की गूंज सुनाई दे रही है और मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास भगवान शिव को समर्पित होता है और इस माह में भक्त विशेष पूजा, व्रत और धार्मिक अनुष्ठानों में शामिल होते हैं।
इस वर्ष सावन में कुल चार सोमवार पड़ रहे हैं — 14 जुलाई, 21 जुलाई, 28 जुलाई और 4 अगस्त। व्रती शिवजी की कृपा पाने के लिए व्रत रखते हैं, लेकिन व्रत और पूजा में जितनी महत्ता भक्ति की होती है, उतनी ही अहम भूमिका खानपान की भी होती है।
सावन में क्या नहीं खाना चाहिए:
बैंगन: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बैंगन को अशुद्ध माना गया है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी यह बरसात के मौसम में जल्दी खराब होता है और पेट में गैस या अपच पैदा कर सकता है।
दूध और दही: सावन में दूध का सेवन सीधे तौर पर न करें। इसे उबाल कर ठंडा करके पिया जा सकता है। दही की तासीर ठंडी होती है और इस मौसम में यह इंफेक्शन का कारण बन सकती है।
पत्तेदार सब्जियां: बरसात के मौसम में पालक, मैथी, सरसों आदि पत्तेदार सब्जियों में कीड़े और बैक्टीरिया पनप सकते हैं, जो सेहत के लिए हानिकारक हैं।
मांसाहार और लहसुन-प्याज: श्रावण मास में सात्विक भोजन करने की परंपरा है। मांसाहार, लहसुन और प्याज को तामसिक माना गया है और इनका त्याग पुण्य के लिए आवश्यक है।
सावन में क्या खाएं:

सात्विक भोजन: फल, सूखे मेवे, सेंधा नमक से बना खाना, साबूदाना, आलू, कुट्टू का आटा, समा चावल आदि का सेवन करें।
गुड़ और तुलसी: इनका सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है और धार्मिक दृष्टि से शुभ भी माना जाता है।
गंगाजल मिले जल से स्नान करें और बेलपत्र से शिव पूजन करें।
निष्कर्ष:
सावन में व्रत और पूजा करते समय खानपान की शुद्धता पर विशेष ध्यान देना चाहिए। अशुद्ध या वर्जित वस्तुओं का सेवन करने से व्रत का फल कम हो सकता है और पुण्य की बजाय पाप लग सकता है। इसलिए सावधानी बरतें और भक्ति भाव से सावन माह का लाभ उठाएं।
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देखिए सुष्मिता सेन...
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