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56वीं जीएसटी काउंसिल बैठक: 22 सितंबर 2025 से लागू होंगे नए जीएसटी रेट

56वीं जीएसटी काउंसिल बैठक: 22 सितंबर 2025 से लागू होंगे नए जीएसटी रेट

56वीं जीएसटी काउंसिल बैठक: 22 सितंबर 2025 से लागू होंगे नए जीएसटी रेट

भारत सरकार ने टैक्स प्रणाली को सरल और उपभोक्ता हितैषी बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। नई दिल्ली में हुई 56वीं जीएसटी काउंसिल बैठक में कई अहम फैसले लिए गए, जिनका सीधा असर आम जनता की जेब पर पड़ेगा। इस बैठक में जीएसटी की दरों को पुनर्गठित करते हुए जीएसटी 2.0 लागू करने की घोषणा की गई है।

जीएसटी 2.0 क्या है और इसमें क्या बदलाव हुए?

पहले जीएसटी स्लैब 5%, 12%, 18% और 28% थे। लेकिन अब इन्हें सरल बनाकर केवल चार दरें — 0%, 5%, 18% और 40% रखी गई हैं।

0% जीएसटी: स्वास्थ्य और जीवन बीमा जैसी सेवाएँ अब पूरी तरह टैक्स मुक्त होंगी।

5% जीएसटी: टूथपेस्ट, शैम्पू, पैकेज्ड फूड और कुछ कृषि इनपुट्स (जैसे केंदू पत्ता) जैसी आवश्यक वस्तुओं पर टैक्स घटा दिया गया है।

18% जीएसटी: टीवी, एसी, सिलाई मशीन, मोटरसाइकिल और छोटी कारें इस स्लैब में लाई गई हैं।

40% जीएसटी: लक्ज़री और 'सिन' गुड्स के लिए यह दर तय की गई है।

नए जीएसटी स्लैब: 0%, 5%, 18% और 40%

श्रेणीनया जीएसटी स्लैबपहले का टैक्स
स्वास्थ्य और जीवन बीमा0%18%
दैनिक उपयोग की वस्तुएँ5%18%
इलेक्ट्रॉनिक्स (टीवी, एसी आदि)18%28%
छोटी कारें और बाइक (<350cc)18%28%
बड़ी कारें और एसयूवी40%50% तक

कार और बाइक पर जीएसटी दरों में हुई कटौती

भारत में कार और बाइक खरीदने वालों के लिए यह फैसला बड़ा राहत देने वाला है।

छोटी कारें (4 मीटर तक, 1200cc तक इंजन वाली) और बाइक (350cc तक) पर जीएसटी घटकर 18% हो गया है।

पहले इन पर 28% तक टैक्स देना पड़ता था।

इसका सीधा असर इन वाहनों की कीमत पर पड़ेगा और उपभोक्ताओं को 10–12% तक सस्ता दाम चुकाना पड़ेगा।

बीमा प्रीमियम पर जीएसटी हटाने से उपभोक्ताओं को बड़ा फायदा

जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर अब कोई जीएसटी नहीं लगेगा।

पहले इन पॉलिसियों पर 18% टैक्स देना पड़ता था।

अब प्रीमियम की लागत घटेगी, जिससे लाखों लोग बीमा खरीदने के लिए प्रोत्साहित होंगे।

सरकार का उद्देश्य है कि अधिक से अधिक लोग बीमा कवरेज लें और सामाजिक सुरक्षा मजबूत हो।

भारत में जीएसटी रेट कटौती से बाजार और आम लोगों पर असर

त्योहारों से ठीक पहले लागू होने वाले ये नए रेट्स उपभोक्ताओं के लिए राहत लेकर आएँगे।

दैनिक उपयोग की वस्तुओं के सस्ते होने से घर के बजट पर सकारात्मक असर होगा।

इलेक्ट्रॉनिक सामान और वाहन उद्योग में माँग बढ़ने की संभावना है।

बीमा प्रीमियम्स सस्ते होने से वित्तीय सुरक्षा लेने वाले लोगों की संख्या बढ़ सकती है।

22 सितंबर से लागू होने वाले नए जीएसटी रेट्स की पूरी लिस्ट

0% : जीवन और स्वास्थ्य बीमा

5% : टूथपेस्ट, शैम्पू, पैकेज्ड फूड, दालें, केंदू पत्ता

18% : टीवी, एसी, सिलाई मशीन, मोटरसाइकिल (<350cc), छोटी कारें (<4 मीटर/1200cc)

40% : बड़ी कारें, एसयूवी, लक्ज़री और 'सिन' गुड्स

जीएसटी काउंसिल का फैसला 2025: उद्योग और उपभोक्ताओं की प्रतिक्रिया

जीएसटी काउंसिल में लिए गए बड़े फैसले. (Photo: PTI)

विशेषज्ञों का कहना है कि यह सुधार जीएसटी को और अधिक सरल, पारदर्शी और उपभोक्ता केंद्रित बनाएगा।

उद्योग जगत का मानना है कि टैक्स कम होने से माँग और उत्पादन दोनों में वृद्धि होगी।

उपभोक्ता संगठनों ने बीमा प्रीमियम्स पर टैक्स हटाने का स्वागत किया है।

सरकार का दावा है कि जीएसटी 2.0 से टैक्स कलेक्शन पर असर नहीं पड़ेगा, बल्कि खपत बढ़ने से राजस्व और मजबूत होगा।

निष्कर्ष

56वीं जीएसटी काउंसिल बैठक में लिए गए फैसले आम जनता, उद्योग जगत और सरकार सभी के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं। 22 सितंबर 2025 से लागू होने वाले इन नए जीएसटी रेट्स से जहाँ आम आदमी की जेब पर बोझ घटेगा, वहीं बाजार में माँग और निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा।


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