तिरुपति मंदिर में गैर-हिंदू कर्मचारियों पर कार्रवाई, आस्था विरोधी गतिविधियों के चलते 4 निलंबित
- bypari rathore
- 31 July, 2025
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📰 तिरुपति मंदिर में गैर-हिंदू कर्मचारियों पर कार्रवाई, धार्मिक आस्था के उल्लंघन पर TTD ने दिखाया बाहर का रास्ता
📅 तिथि: 20 जुलाई 2025
📍 स्थान: तिरुमाला, आंध्र प्रदेश
आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर मंदिर (तिरुपति बालाजी मंदिर) में धार्मिक आस्था और आचार संहिता के उल्लंघन का गंभीर मामला सामने आया है। मंदिर का संचालन करने वाली संस्था तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने चार गैर-हिंदू कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इन कर्मचारियों पर आरोप है कि वे अन्य धर्मों की प्रैक्टिस कर रहे थे, जबकि वे एक हिंदू धार्मिक संस्थान में कार्यरत थे।
🔍 कौन हैं निलंबित कर्मचारी?
TTD ने जिन चार कर्मचारियों को निलंबित किया है, वे निम्नलिखित हैं:
बी. एलिज़ार – डिप्टी एग्जीक्यूटिव इंजीनियर (गुणवत्ता नियंत्रण)
एम. प्रेमवती – स्टाफ नर्स, BIRRD अस्पताल
ग्रेड-1 फार्मासिस्ट, BIRRD अस्पताल
डॉ. जी. असुंथा – एसवी आयुर्वेद फार्मेसी
इन सभी पर आरोप है कि वे TTD के सेवा नियमों और हिंदू आस्था की मर्यादाओं का उल्लंघन कर रहे थे।
📄 TTD ने जारी किया आधिकारिक बयान
TTD ने घटना को लेकर एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा:
“सभी कर्मचारियों पर धार्मिक आचार संहिता के उल्लंघन, गैर-हिंदू गतिविधियों में भाग लेने, और संस्था की मूल आस्था प्रणाली के विपरीत काम करने का आरोप है। सतर्कता विभाग की जांच रिपोर्ट और साक्ष्यों के आधार पर इन्हें निलंबित किया गया है।”
TTD ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई किसी धर्म विशेष के खिलाफ नहीं, बल्कि मंदिर की धार्मिक मर्यादा और अनुशासन को बनाए रखने के लिए की गई है।
🔁 पहले भी हुई है कार्रवाई
यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी TTD ने 8 जुलाई 2025 को ए. राजशेखर बाबू, सहायक कार्यकारी अधिकारी को निलंबित किया था। उन पर आरोप था कि वे हर रविवार को अपने गृहनगर पुत्तूर में चर्च की प्रार्थनाओं में भाग लेते थे, जो मंदिर की सेवा शर्तों के खिलाफ था।
TTD ने उस समय भी स्पष्ट किया था कि मंदिर में कार्यरत कर्मचारी केवल हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले होने चाहिए, क्योंकि यह एक मूल रूप से धार्मिक संस्था है जिसका संचालन हिंदू रीति-रिवाजों और मान्यताओं के अनुरूप किया जाता है।
📌 क्या कहता है नियम?
TTD के सेवा नियमों के अनुसार:
मंदिर प्रबंधन से जुड़े स्थायी कर्मचारी यदि किसी अन्य धर्म को मानते हैं या प्रचार करते हैं, तो यह संस्था की नीति और धार्मिक अनुशासन का उल्लंघन माना जाता है।
तिरुपति मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि हिंदू आस्था का अंतरराष्ट्रीय केंद्र भी है, जहां लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। ऐसे में कर्मचारियों का आचरण भी उसी अनुरूप होना अनिवार्य है।

🧩 इस कार्रवाई के मायने
यह निर्णय कई दृष्टिकोणों से महत्वपूर्ण है:
धार्मिक संस्थानों की स्वायत्तता और धार्मिक पहचान की रक्षा का प्रयास
धर्मनिरपेक्षता बनाम धार्मिक अनुशासन की बहस को जन्म
अन्य संस्थाओं के लिए एक उदाहरण कि कैसे कर्मचारियों की धार्मिक आस्था उनके कार्यक्षेत्र पर असर डाल सकती है
✅ निष्कर्ष:
तिरुपति मंदिर प्रबंधन द्वारा गैर-हिंदू कर्मचारियों पर की गई यह कार्रवाई एक बड़ा संदेश है कि धार्मिक संस्थाओं में काम करने वालों को उस धर्म की परंपरा और आस्था का पालन अनिवार्य रूप से करना चाहिए।
TTD की यह नीति विवाद का विषय भी बन सकती है, लेकिन प्रबंधन का तर्क है कि यह निर्णय धर्म, सेवा अनुशासन और संस्था की पारंपरिक गरिमा की रक्षा के लिए जरूरी है।
Note: Content and images are for informational use only. For any concerns, contact us at info@rajasthaninews.com.
देखिए सुष्मिता सेन...
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