
🏏 पांच शतकों के बावजूद भारत ने ऐतिहासिक टेस्ट मैच गंवाया
📌 क्या हुआ था?
टीम इंडिया ने बेहतरीन बल्लेबाज़ी की: पांच भारतीय बल्लेबाज़ों ने शतक जड़े — शुभमन गिल (147), ऋषभ पंत (134 और 118 दोनों पारियों में), यशस्वी जायसवाल (101), और केएल राहुल (137)।
लक्ष्य निर्धारित: भारत ने पहली पारी में 471 और दूसरी पारी में 364 रन बनाए। इस तरह इंग्लैंड को जीत के लिए 371 रनों का लक्ष्य मिला।
इंग्लैंड की पारी: इंग्लैंड ने यह लक्ष्य 5 विकेट शेष रहते ही हासिल कर लिया। ओपनर्स बेन डकेट (149) और ज़ैक क्रॉली की 188 रनों की साझेदारी ने भारत की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
📊 महत्वपूर्ण आँकड़े:
भारतीय पारी में दो बार बिखराव: भारत की बल्लेबाज़ी दो बार पूरी तरह बिखर गई — पहली पारी में 7 विकेट 41 रन पर और दूसरी पारी में 6 विकेट 31 रन पर गिरे, वो भी फ्लैट पिच पर।
ऐतिहासिक हार: भारत टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में पहली ऐसी टीम बन गई जिसने एक ही मैच में पांच शतक लगाने के बावजूद हार झेली।
रनों का भंडार: भारत और इंग्लैंड की कुल जोड़कर बनाई गई रनों की संख्या 1,673 तक पहुंची, जो टेस्ट इतिहास के सबसे ऊंचे स्कोरों में शामिल है। भारत के बनाए 835 रन किसी हार में चौथे सबसे ज़्यादा हैं।

🧩 भारत की हार के कारण:
निचले क्रम की नाकामी: दोनों पारियों में भारत के आखिरी बल्लेबाज़ों ने मिलाकर सिर्फ 9 रन बनाए।
ड्रॉप कैच: भारत ने कई आसान कैच छोड़े — जो पिछले 20 वर्षों में इंग्लैंड में किसी भारतीय टीम का सबसे खराब क्षेत्ररक्षण प्रदर्शन था।
तेज़ गेंदबाज़ों की नाकामी: जसप्रीत बुमराह के अलावा कोई भी तेज़ गेंदबाज़ प्रभाव नहीं छोड़ सका। इंग्लैंड की दूसरी पारी में भारतीय गेंदबाज़ पूरी तरह असहाय दिखे।
📌 संदर्भ में महत्व:
इंग्लैंड के लिए यह टेस्ट इतिहास में दूसरा सबसे बड़ा चौथी पारी का सफल पीछा था और भारत के खिलाफ भी दूसरा सबसे बड़ा।
371 रनों का पीछा टेस्ट इतिहास में कुछ चुनिंदा 350+ स्कोर चेज़ में से एक है — सबसे बड़ा रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया का 404 रनों का पीछा है जो उन्होंने 1948 में इंग्लैंड के खिलाफ किया था।
🔎 भारत के लिए आगे क्या?
गेंदबाज़ी में सुधार की ज़रूरत: भारत की तेज़ गेंदबाज़ी इकाई पर सवाल उठ रहे हैं और कप्तान शुभमन गिल की नेतृत्व क्षमता भी संदेह के घेरे में है।
मानसिक मज़बूती की कमी: निचले क्रम की असफलता और क्षेत्ररक्षण में चूकें यह दर्शाती हैं कि टीम मानसिक रूप से मजबूत नहीं रही।
श्रृंखला पर असर: इस हार के साथ इंग्लैंड ने सीरीज़ में 1-0 की बढ़त बना ली है, जिससे भारत पर अगले मुकाबलों में दबाव बढ़ गया है।
🧾 निष्कर्ष:
पांच शानदार शतकों के बावजूद, भारत की हार निचले क्रम की असफलता, फील्डिंग की गलतियों और गेंदबाज़ी में तीव्रता की कमी के कारण हुई। यह हार न केवल ऐतिहासिक है, बल्कि आने वाले मैचों से पहले टीम के लिए एक बड़ा चेतावनी संकेत भी है।
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**Nitish Rana Backs...
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